मांडू महोत्सव में ट्रेजर हंट के जरिए मांडू की प्राचीन खासियतें पर्यटकों को देखने को मिलेंगी, तो हर दिन योग और साइकिलिंग असली देसीपन का भी अहसास होगा। प्राकृतिक वादियों से घिरे इस पर्यटन स्थल पर गीत-संगीत जब गूंजेगी तो लोगों को उस दौर के संगीत की धुनों का भी अहसास कराया जाएगा। निमाड़-मालवा, आदिवासी क्षेत्र की संस्कृति, व्यंजन और वेशभूषा का भी लुत्फ लोग ले पाएंगे।
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600 साल पुराना रेन वाटर हार्वेस्टिंग जहाज महल की जल संरचनाएं आज भी शोध का विषय हैं। 600 साल पहले भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग होता था। भुंज तालाब और कपूर तालाब का अंडर ग्राउंड कनेक्शन हैं। रहट विधि से पानी महल में बने स्विमिंग पूल में जाता था। प्राचीन काल में मांडू में लगभग 700 जल स्रोत थे। मुगल शासक जहांगीर ने 1617 में 42वां जन्मदिन यहीं मनाया था। वे पत्नी नूरजहां के सासथ जहाज महल में सात माह तक रहे थे।
13 फरवरी के आकर्षण
शुभारंभ के बाद ग्रामीण पर्यटन का अनुभव, पर्यटन सभा, पर्यटन की प्रस्तुति व मांडू वॉक का आयोजन। शाम 6.30 बजे आर्ट गैलेरी का शुभारंभ होगा। शाम 7.30 बजे से कलाकारों की प्रस्तुति। रात 8 बजे करीब कैफे बैंड की प्रस्तुति होगी।
14 फरवरी के आकर्षण
सुबह 7 बजे हॉर्स राइडिंग-फिशिंग, योग,साइकिलिंग, मांडू हेरिटेज वॉक। सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम। शाम 7.30 बजे मुक्त बैंड की प्रस्तुति।
सुबह 7 बजे से पर्यटकों के लिए हॉर्स राइडिंग और फिशिंग कार्यक्रम का आयोजन। सुबह 10.30 बजे मांडू के धरोहर की सैर का आयोजन। यह भी है खास बाजबहादुर-रानी रूपमती