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10th,12th रिजल्ट : इस मंत्र का 11 बार उच्चारण मात्र से टेंशन दूर, असफलता से घबरायें नहीं, यह बड़ी सफलता की सीढ़ी है

locationभोपालPublished: May 15, 2019 11:22:00 am

Submitted by:

Shyam

इस मंत्र का 11 बार उच्चारण मात्र से टेंशन दूर, असफलता से घबरायें नहीं, यह बड़ी सफलता की सीढ़ी है

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10th,12th रिजल्ट : इस मंत्र का 11 बार उच्चारण मात्र से टेंशन छूमंतर, एक छोटी असफलता से ही मिलती है बड़ी सफलता

परीक्षा के परिणाम आपके अनुरूप आये या नहीं आये ये बाद ज्यादा मायने नहीं रखती, अगर आप एक बार असफल हो गये इसका मतलब यह नहीं की सब कुछ खत्म हो गया। विद्यार्थियों अगर आपको अपनी मेहनत का फल उचित नहीं मिला तो कोई घबरायें नहीं केवल 11 बार शांत चित होकर उगते सूर्य का ध्यान करते हुये गायत्री मंत्र का जप कर लें। आपको तुरंत नई ऊर्जा मिलेगी और आपके मन में आ रहे सारे नकारात्मक विचार सकारात्मकता में बदल जायेंगे।

 

गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

 

इतिहास साक्षी है उन लोगों के उदाहरणों से जो सैकड़ों बार असफल होने के बाद भी टूटे नहीं, हिम्मत नहीं हारी, बल्कि उन्होंने एक बार फेल होने के बाद दोबरा कड़ी मेहनत करके अपनी सोच से भी ज्यादा बड़ी सफलता प्राप्त की। असफल होने वाले विद्यार्थी भी घबरायें नहीं, न ही हिम्मत हारे। इस बार न सही अगली बार एक बड़ी और अच्छी सफलता के साथ आगे बढ़ेंगे आप।

 

तनाव-मुक्त के सबसे आसान तरीका
एक बार मुल्ला नसीरुद्दीन के साथ दुर्घटना हुई और वे अस्पताल में थे। शरीर के हरेक अंग की कोई न कोई हड्डी टूटी थी। उनके सारे चेहरे पर पट्टियां बंधी हुई थीं। केवल उनकी आंखें दिख रही थीं। उनके एक मित्र उन्हें मिलने आए और उनसे पूछा, “कैसे हो, मुल्ला?” उन्होंने कहा,” मैं ठीक हूं सिवाय इसके कि जब मैं हंसता हूं तो दर्द होता है।” तब उनके मित्र ने उनसे पुछा, “भला, इस हालत में आप हंस कैसे सकते हैं?” मुल्ला ने जवाब दिया, अगर मैं अब न हंसु तो मैं ज़िन्दगी में कभी हंस नहीं पाउँगा।

 

ये अविरत उत्साह सम्पूर्ण स्वास्थ्य में रहने का आयाम है। संस्कृत में स्वास्थ्य के लिए शब्द है ‘स्वस्ति’ माने प्रबुद्ध व्यक्ति, जो स्व में स्थित है। स्व में बने रहने की पहली निशानी है उत्साह- जो हंस कर ये कह सके कि, “आज कोई काम नहीं बना।” ये कह सकने के लिए तुम्हें ऐसी मानसिक स्थिति चाहिए जो कि तनाव-मुक्त और दबाव–सिद्ध हो।

इसलिए परीक्षा में फेल होने या कम नंबर आने पर हिम्मत नहीं हारे और न ही कोई गलत कदम उठायें, अगली बार अच्छी मेहनत के साथ फिर जरूर सफल होंगे।

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