पं. अरविंद तिवारी के अनुसार, चुनाव की घोषणा के दौरान चंद्रमा का केतु के नक्षत्र अश्विनी में संचरण था, इसका प्रभाव यह होगा कि चुनाव पर जन भावनाओं का गहरा प्रभाव रहेगा जो भी दल और गठबंधन सत्ता में आएगा बहुच अच्छा बहुमत लेकर आएगा । पहला मतदान 11 अप्रैल को आद्रा नक्षत्र में होगा । दूसरा मतदान 18 अप्रैल को हस्त नक्षत्र में होगा । तीसरा मतदान 23 अप्रैल को ज्येष्ठा नक्षत्र में होगा । चौथा मतदान 29 अप्रैल को शतभिषा नक्षत्र में होगा । पांचवां मतदान 6 मई को कृतिका नक्षत्र में होगा । छटवां मतदान 12 मई को मघा नक्षत्र में होगा, एवं आखरी मतदान 19 मई को अनुराधा नत्रक्ष में होगा ।
उक्त नक्षत्र और उस समय ग्रहों की चाल के अनुसार साथ 23 मई को जब परिणाम आयेंगे गुरुवार का दिन चद्रंमा मकर राशि में रहेगा जो सत्तापक्ष दल की राशि है, और उत्तरा नक्षत्र रहेगा । जिन तिथियों में मतदान हुआ है उसके अनुसार जो भी दल या गठबंधन जीतेगा वह पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनायेंगा । लेकिन ज्योतषीय गणना के अनुसार इस चुनाव के बाद कुछ दलों का अस्तित्व ही खत्म होने के योग बन रहे । लग्न चक्र में चंद्रमा का भाग्य स्थान में होना जताता है कि आस्था और विश्वास की प्रबलता मतदान पर हावी रहेगी, और वोटिंग परसेंटेज उम्मीद से अच्छा रहेगा ।