मुहूर्त उठकर स्नानादि करके उपवास का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा कर सूर्य को जल देना चाहिये । (2-) रात्रि के समय दीप, धूप, पुष्प, अन्न, गुड़ आदि से पूर्ण चंद्रमा की पूजा करनी चाहिये और जल अर्पित करना चाहिये । दान का विशेष महत्तव- इस दिन व्रती जातक, जल से भरा एक मिट्टी का घड़ा, सोने (स्वर्ण) के दान का भी इस दिन बहुत महत्व है । स्वादिष्ट भोजन आदि किसी जरूरतमंद को दान करने से घर परिवार में शांति व दिव्यता बनी रहती है ।
वैशाख पूर्णिमा – 30 अप्रैल दिन सोमवार
तिथि – वैशाख पूर्णिमा तिथि
[typography_font:18pt;” >मुहूर्त – (29 अप्रैल 2018) रविवार 06:37 से प्रारंभ होकर (30 अप्रैल 2018) सोमवार 06:27 बजे तक रहेगी ।