चैत्र नवरात्र में छह दिन रहेगा शुभ संयोग, जानिए कब करें पूजा
Published: Mar 08, 2015 11:31:00 am
इस बार शनिवार से नवरात्र शुरू होना और शनिवार को ही पूर्ण होना
व्यापारियों के लिए विशेष उन्नतिदायक रहेगा
चैत्र नवरात्र 21 मार्च से शुरू होंगे। इस बार नवरात्र नौ की जगह आठ दिन ही रहेंगे। नवरात्र में तृतीया तिथि के क्षय हो जाने से एक नवरात्र कम होगा। नवरात्र का घटना (कम होना) शुभ नहीं माना जाता है परन्तु इस बार चैत्र नवरात्र में आठ दिनों में से छह दिन शुभ संयोग लेकर आ रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रमोहन दाधीच के अनुसार शनिवार से नवरात्र शुरू होना श्रेष्ठ व समृद्धि कारक होगा। साथ ही ग्रहचाल की दृष्टि से देवगुरू बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में रहेंगे। इस बार शनिवार से नवरात्र शुरू होना और शनिवार को ही पूर्ण होना व्यापारियों के लिए विशेष उन्नतिदायक रहेगा व आम लोगों के लिए खुशहाली देने वाला होगा। नवरात्र में 28 मार्च को रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। अगले दिन संयोग से 29 मार्च को रविपुष्य का विशेष संयोग आ रहा है। रविपुष्य योग सम्पूर्ण दिन-रात रहेगा। इसके साथ रवियोग एवं सर्वार्थसिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है।
दिन-रात होंगे बराबर
ज्योतिषाचार्य पं. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि इस बार नवरात्र स्थापना के दिन 21 मार्च को दिन-रात बराबर होंगे। सूर्योदय प्रात 6.34 होगा और सूर्यास्त शाम 6.34 बजे ही होगा। यानी दिन रात की अवधि 12-12 घंटे की होगी। ऎसी स्थिति कई वर्षो बाद होगी।
उन्नतिदायक
नवरात्र के आठ में से छह दिन रहने वाले सुयोग में कोई भी शुभ कार्य शुरू करना और वाहन, स्वर्णआभूषण, प्रोपर्टी का लेन-देन करना श्रेष्ठ रहेगा।
घटस्थापना का मुहूर्त
घट स्थापना के लिए देवी पुराण के अनुसार प्रात:काल का समय ही श्रेष्ठ बताया गया है। इसलिए सुबह द्विस्वभाव लग्न में घट स्थापना करनी चाहिए। 21 मार्च को सूर्योदय प्रात 6.34 बजे होगा और द्विस्वभाव मीन लग्न प्रात: 7.44 बजे तक रहेगा। इसलिए 6.34 बजे से 7.44 बजे तक घट स्थापना करना श्रेष्ठ रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12.10 से 12.58 तक भी घट स्थापना की जा सकेगी। चौघडियों के हिसाब से घट स्थापना करने वाले प्रात 8.04 से 9 बजे तक शुभ के चौघडिये में तथा दोपहर 12.34 से शाम 5.04 बजे तक चर, लाभ व अमृत के चौघडिये में भी घट स्थापना कर सकते हैं।
किस दिन कौनसा
संयोग
22 मार्च : सर्वार्थसिद्धि योग
23 मार्च : रवि योग
24 मार्च : सर्वार्थसिद्धि योग व कुमारयोग, रवि योग
25 मार्च : सर्वार्थसिद्धि योग, कुमार योग, रवि योग, राजयोग
27 मार्च : रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग
28 मार्च : रवि योग
29 मार्च : रवि पुष्य योग व रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग।