छोटे तालाब के पास स्थित कालीघाट काली मंदिर के रजनीश सिंह बाघमारे बताते हैं, हमारे यहां रोजना 10 से 15 लोग ऐसे आ रहे हैं जिन्होंने कोई न कोई मन्नत मांग रखी थी। हमने नारियल फोड़ने के लिए अलग स्थान बनाया है। उसके बाद भी प्रतिमा के पास नारियल का ढेर लग गया था। अब नारियलों को छत पर रखवाया है। इसके अलावा प्रसाद से लेकर कई तरह के फूलों के हार और 51-101 फल चढ़ाकर वितरित करने की मन्नतें भी लोग पूरी करने आ रहे हैं।
कंकाली मंदिर की देखरेख करने वाले गुलाब सिंह मीना बताते हैं, मंदिर में प्रतिदिन 50 से 100 श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं, इनमें से कई श्रद्धालु हमें अपनी मन्नत और स्वस्थ होने की कहानियां सुनाते हैं। कई श्रद्धालु तो यहां आकर लोगों को भंडारा कराते हैं, तो कोई कन्याओं को भोजन खिलाता है। नारियल और फल चढ़ाने से लेकर श्रद्धाअनुसार लोग मां को भेंट चढ़ाते हैं।
कोरोना काल में मौत को नजदीक से देखने वाले लोग स्वस्थ हो जाने पर मन्नत पूरी करने सीहोर के गणेश मंदिर और कोरोना के साथ होने वाले टायफाइड से बचाने के लिए नजदीक स्थित मोतीबाबा के मंदिर पहुंचकर माथा टेक रहे हैं। इतना ही नहीं लोग परिजनों के साथ सलकनपुर मंदिर पहुंचकर भी मां को अपनों की जान बचाने के लिए धन्यवाद दे रहे हैं।