scriptश्रीकृष्ण के मामा कंस से जुड़ी ये बातें आप जानते हैं क्या? | Do you know these things related to Kansa | Patrika News

श्रीकृष्ण के मामा कंस से जुड़ी ये बातें आप जानते हैं क्या?

locationभोपालPublished: Nov 05, 2019 01:36:49 pm

Submitted by:

Devendra Kashyap

भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को किया था।

kans_vadh.jpg
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को किया था। यह तिथि इस बार 7 नवंबर ( गुरुवार ) को पड़ रही है।

वैसे तो हम सब ने कंस वध की कथा सुनी है और धारावाहिकों के माध्यम से टीवी पर देखी भी है लेकिन आज हम आपको कंस से जुड़ी वो बातें बताने जा रहे हैं, जिसे आप शायद ही जानते होंगे!

कंस के पिता का नाम उग्रसेन था, वे शूरसेन जनपद के राजा थे।

उग्रसेन यदुवंशीय राजा आहुक के पुत्र थे। उनकी माता का नाम काश्या थीं। उग्रसेन के दो भाई थे, उनके भाई का नाम देवक था।
कंस के नौ भाई और पांच बहन थीं। कंस इन सब में बड़ा था।

कंस के भाइयों को नाम न्यग्रोध, सुनामा, कंक, शंकु, अजभू, राष्ट्रपाल, युद्धमुष्टि और सुमुष्टिद था।

बहनें कंसा, कंसवती, सतन्तू, राष्ट्रपाली और कंका थीं।
कंस के बहनों की शादी वसुदेव के छोटे भाइयों से हुआ था।

कंस ने अपने पिता उग्रसेन को बंदी बनाकर जेल में डाल दिया था और स्वयं शूरसेन जनपद का राजा बन बैठा।
मथुरा शूरसेन जनपद में ही आता था

कंस ने मगध के शासक जरासंध की दो बेटियों से अपना विवाह किया था।

कंस के काका का नाम शूरसेन था, वे मथुरा पर शासन करते थे।
शूरसेन के पुत्र वसुदेव का विवाह कंस की चचेरी बहन देवकी से हुआ था। देवकी से ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।

कंस देवकी से काफी स्नेह करता था। एक दिन वह देवकी के साथ कहीं जा रहा था, तब ही आकाशवाणी हुई कि देवकी का 8वां पुत्र ही तेरी मौत का कारण बनेगा।
मौत के भय से कंस ने देवकी और वसुदेव को कारागार में डाल दिया। उसने एक-एक करके देवकी के 6 बेटों को मार डाला।

शेषनाग ने देवकी के गर्भ में प्रवेश किया तो भगवान विष्णु ने माया से वसुदेव की पत्नी रोहिणी के पेट में उस गर्भ को रख दिया।
भगवान विष्णु स्वयं माता देवकी के गर्भ से कृष्णावतार में पृथ्वी पर आए।

कृष्ण वसुदेव की 8वीं संतान थे। वसुदेव बाल कृष्ण को नंदबाबा के घर पहुंचा दिए थे।

कंस को कृष्ण के गोकुल में होने की सूचना मिली, तो उसने कई बार उनकी हत्या की कोशिश की, लेकिन हर बार वह विफल रहा।
एक बार कंस ने साजिश के तहत कृष्ण और बलराम को अपने दरबार में बुलाया, जहां श्रीकृष्ण ने उसका वध कर दिया।

कंस का वध करने के बाद कृष्ण ने अपने माता-पिता देवकी और वसुदेव को कारागार से मुक्त कराये।
इसके बाद श्रीकृष्ण ने उग्रसेन को दोबारा राजा की गद्दी पर बैठा दिया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो