ये भी पढ़ें- शादी के लिए लड़के और लड़कियों के बीच क्या जरूरी है उम्र का फासला? कुछ लोगों का कहना है कि अगर दोनों के उम्र में अंतर रहेगा तो संबंधों में संतुलन बना रहेगा। कहा जाता है कि उम्र के साथ व्यक्ति की सोच विकसित होती है। वह चीजों को अच्छे से समझता है और किसी चीज में वह अच्छी तरह से संतुलन बना सकता है। कहा तो ये भी जाता है कि अगर दोनों की उम्र समान हो या लड़की की उम्र ज्यादा हो तो लड़की लड़के को उस तरह सम्मान नहीं देगी, जैसा कि पति को मिलना चाहिए। माना जाता है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो दोनों में अहम की लड़ाई शुरू हो जाएगी और दोनों में अक्सर लड़ाई-झगड़े शुरू हो जाएंगे। माना जाता है कि अगर लड़के की उम्र लड़की से ज्यादा होगा तो लड़की लड़के का पूरा सम्मान करेगी।
ये भी पढ़ें- वैवाहिक जीवन में चाहते हैं बढ़े प्यार और रोमांस, रात में करें ये काम जबकि वेदों के अनुसार, स्त्री को पुरुष की सहचरणी, अर्धांगिनी और मित्र माना गया है। इसी आधार पर दोनों की उम्र में अंतर संतुलित होना जरूरी है। वहीं जैविका रूप से देखा जाए तो पुरुष अपनी उम्र से 2 वर्ष कम समझदार होते हैं। जबकि महिलाएं अपनी उम्र से 2 वर्ष अधिक समझदार होती हैं। यही कारण है कि शादी के वक्त लड़की और लड़के की उम्र में फासला रखने की सलाह दी जाती है। सामाजिक रूप से देखा जाए तो पुरुष को घर का मुखिया भी माना जाता है।