धर्म-कर्म

संकटमोचन हनुमान : शनिवार को कर लें इतना सा काम, जो चाहोगे मिलेगा

Hanuman Ashtak : Saturday Hanuman Ashtak Path : शनिवार के दिन इस छोटे मगर असरदार कार्य को एक बार जरूर करें। इससे प्रसन्न होकर हनुमान जी से जिस चीज की कामना करेंगे अवश्य प्राप्त होगी।

भोपालAug 30, 2019 / 05:48 pm

Shyam

संकटमोचन हनुमान : शनिवार को कर लें इतना सा काम, जो चाहोगे मिलेगा

शनिवार का दिन हनुमान जी की कृपा पाने और उनको प्रसन्न करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिना माना जाता है। अगर आपके जीवन में संकटों का अंबार लगा हो तो हनुमान मंदिर में जाकर या अपने घर में ही शनिवार के दिन इस छोटे मगर असरदार कार्य को एक बार जरूर करें। इससे प्रसन्न होकर हनुमान जी से जिस चीज की कामना करेंगे अवश्य प्राप्त होगी।

 

शनिवार के दिन सुबह एवं शाम को दोनों समय हनुमान मंदिर में जाकर सबसे पहले गाय के घी का एक दीपक जला दें। अब हनुमान जी के सामने सिंदूर या कुशा के आसन पर बैठकर हनुमान जी को सबसे प्रिय लगने वाली इस स्तुति का एक बार पाठ करते हुए अपने संकटों को दूर करने की प्रार्थना मन ही मनन हनुमान जी से करें। ऐसा करने से शीघ्र ही हनुमान सारे संकटों को दूर कर देंगे।

 

Hanuman Ashtak

।। अथ हनुमान स्तुति ।।

1- बाल समय रवि भक्षि लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों।
ताहि सो त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो।
देवन आनि करी विनती तब, छाड़ि दियो रवि कष्ट निवारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।

2- बालि की त्रास कपीस बसै गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो।
चौंकि महामुनि शाप दियो तब, चाहिए कौन बिचार बिचारो।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के शोक निवारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।

Hanuman Ashtak

3- अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीश यह बैन उचारो।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो।
हेरी थके तट सिन्धु सबै तब, लाए सिया-सुधि प्राण उबारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।

4- रावण त्रास दई सिय को तब, राक्षसि सो कही सोक निवारो।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाए महा रजनीचर मारो।
चाहत सीय असोक सों आगिसु, दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।

Hanuman Ashtak

5- बान लग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे सुत रावन मारो।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सुबीर उपारो।
आनि संजीवन हाथ दई तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।

6- रावन युद्ध अजान कियो तब, नाग कि फांस सबै सिर डारो।
श्री रघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो।
आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।

Hanuman Ashtak

7- बंधु समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो।
देवहिं पूजि भली विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो।
जाये सहाए भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।

8- काज किये बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसो नहिं जात है टारो।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होए हमारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।

Hanuman Ashtak

।। दोहा ।।

लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
बज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर।।

उपरोक्त हनुमान अष्टक स्तुति का पाठ करने के बाद एक बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ एवं श्री हनुमत आरती भी करें। कुछ ही दिनों में हनुमान जी की कृपा के संकेत दिखाई देने लगेंगे।

***********

Home / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / संकटमोचन हनुमान : शनिवार को कर लें इतना सा काम, जो चाहोगे मिलेगा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.