ब्रह्मवैवर्त पुराण में तो स्वयं भगवान श्री विष्णुजी कहते है कि अगर कोई भक्त अनजाने मैं भी राधा जी का नाम लेता है- मैं स्वयं उसके आगे आगे उसकी रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र लेकर चलता हूं, स्वयं भगवान शंकर जी अपना त्रिशूल लेकर चलते हैं, और उसके दाहिने ओर देवराज इंद्र वज्र लेकर चलते हैं, एवं बाईं ओर वरुण देव छत्र लेकर चलते हैं । राधा जी के नाम की महिमा कितनी महान और फलदायी हैं ।
राधा जी के 32 नाम
1- मृदुल भाषिणी श्री राधा – राधा ।।
2- सौंदर्य राषिणी श्री राधा – राधा ।।
3- परम् पुनीता श्री राधा – राधा ।।
4- नित्य नवनीता श्री राधा – राधा ।।
5- रास विलासिनी श्री राधा – राधा ।।
6- दिव्य सुवासिनी श्री राधा – राधा ।।
7- नवल किशोरी श्री राधा – राधा ।।
8- अति ही भोरी श्री राधा – राधा ।।
9- कंचनवर्णी श्री राधा – राधा ।।
10- नित्य सुखकरणी श्री राधा – राधा ।।
11- सुभग भामिनी श्री राधा – राधा ।।
12- जगत स्वामिनी श्री राधा – राधा ।।
कृष्ण ?ण आनन्दिनी श्री राधा – राधा ।।
14 आनंद कन्दिनी श्री राधा – राधा ।।
15- प्रेम मूर्ति श्री राधा – राधा ।।
16- रस आपूर्ति श्री राधा – राधा ।।
17- नवल ब्रजेश्वरी श्री राधा – राधा ।।
18- नित्य रासेश्वरी श्री राधा – राधा ।।
19- कोमल अंगिनी श्री राधा – राधा ।।
20 – कृष्ण संगिनी श्री राधा – राधा ।।
21- कृपा वर्षिणी श्री राधा – राधा ।।
22- परम् हर्षिणी श्री राधा – राधा ।।
23- सिंधु स्वरूपा श्री राधा – राधा ।।
24- परम् अनूपा श्री राधा – राधा ।।
25- परम् हितकारी श्री राधा – राधा ।।
26- कृष्ण सुखकारी श्री राधा – राधा ।।
27- निकुंज स्वामिनी श्री राधा – राधा ।।
28- नवल भामिनी श्री राधा – राधा ।।
29- रास रासेश्वरी श्री राधा – राधा ।।
30- स्वयं परमेश्वरी श्री राधा – राधा ।।
31- सकल गुणीता श्री राधा – राधा ।।
32- रसिकिनी पुनीता श्री राधा – राधा ।।
श्रीकृष्ण प्रिया श्री राधा रानी जी के इन 32 नामों जप करेगा उसकी हर मनोकामनां पूरी होगी ।