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कब चमकेंगे भाग्य के सितारें जाने अपनी कुंडली के लग्न से, भाग्य उदय का रहस्य

Published: Sep 12, 2018 06:25:32 pm

Submitted by:

Shyam Shyam Kishor

कब चमकेंगे भाग्य के सितारें जाने अपनी कुंडली के लग्न से, भाग्य उदय का रहस्य

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कब चमकेंगे भाग्य के सितारें जाने अपनी कुंडली के लग्न से, भाग्य उदय का रहस्य

हर व्यक्ति की जिज्ञासा होती हैं कि उसका जीवन भाग्यशाली हैं या नहीं, इसके लिए वह ज्योतिषों के पास भविष्य जानने के लिए जाता भी हैं । भारतीय ज्योतिष की सबसे प्राचीनतम विधा ‘भृगुः सहिंता’ को माना जाता हैं, भृगुः सहिंता के अनुसार व्यक्ति की जन्म कुंडली के लग्न को देखकर भविष्य में उसके जीवन में क्या कुछ अच्छा होने वाला हैं उसके रहस्य के पता लगाया जा सकता है कि- व्यक्ति की संभावित उम्र में उसके भाग्य का उदय कब होने वाला हैं । भाग्य उदय : “न युतो – न दृष्टो – न त्रिक स्थितो”

 

ज्योतिषाचार्य पं. प्रह्लाद कुमार पण्ड्या ने बताया की कुंडली में 12 लग्न होते हैं और 12 ही राशियाँ भी होती है, और लग्न स्पष्ट के अनुसार कुंडली के पहले भाव में जो राशि पड़ती है उसी से लग्न का निर्धारण होता है , जैसे प्रथम भाव में मेष राशि हो तो मेष लग्न होगा, सिंह राशि हो तो सिंह लगन मन जायेगा, आदि । इसी प्रकार लग्न अनुसार 12 प्रकार की कुण्डलियाँ बनेगी । भृगुः ऋषि के अनुसार कौन से लग्न राशि वाले जातक के भाग्य का उदय होता है ।

 

1- मेष लग्न : 16 , 22 , 28 , 32 , 36 वर्ष की आयु में भाग्य उदय होता है ।
2- वृष लगन : 25 , 28 , 36 ,42
3- मिथुन लगन : 22 , 32 , 35 , 36 , 42
4- कर्क लगन : 16 , 22 , 24 , 25 , 28
5- सिंह लग्न : 16 , 22 , 24 , 26 , 28 , 32
6- कन्या लगन : 16 , 22 , 25 , 32 , 33 , 34 , 36
7- तुला लगन : 24 , 25 , 32 , 33 , 35
8- वृश्चिक लगन : 22 , 24 , 28 , 32
9- धनु लगन : 16 , 22 , 32
10- मकर लगन : 25 , 33 , 35 , 36
11- कुम्भ लगन : 25 , 28 , 36 , 42
12- मीन लग्न : 16 , 22 , 38 , 33


ऋषि भृगु के अनुसार व्यक्ति की कुण्डली में आयु के इन वर्षों में लग्न अनुसार भाग्य स्थान के स्वामी ग्रह शुद्ध अवस्था में हो, जैसे- मेष लग्न के लिए भाग्य स्थान के स्वामी हुए ” गुरु ग्रह ” / आयु के 16 ,22 ,28 ,32 ,36 वें वर्ष के गोचर में गुरु ग्रह राहु या केतु से दूषित न हो / कुंडली में दूषित न हो / दशा अनुसार दूषित न हो / किसी शत्रु राशि में न हो अर्थात ” न दृष्टो – न युतो – न त्रिक स्थितो ” मतलब अगर आयु के इन वर्षों में जातक का भाग्येश ग्रह बिलकुल शुभ और मजबूत अवस्था में हो तो निश्चित ही आकस्मिक भाग्य का उदय हो जाता है । कोई न कोई लॉटरी अवश्य ही लग जाती है, जातक के जीवन में अचानक सफलता का द्वार खुलने लग जाते है । अगर किसी को अपने भाग्य उदय होने के बारे में सही सही जानने की इच्छा हो तो किसी योग्य ज्योतिष को अपनी जन्मकुंडली को दिखाकर पता लगा सकते हैं कि आपके भाग्य के सितारें कब चमकने वाले हैं ।

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