नंदी से सीखे, सच्चे ध्यान की कला - शिव भक्त
नंदी से सीखे, सच्चे ध्यान की कला - शिव भक्त
धर्म गुरु, सदगुरु जग्गी महाराज

शिव जी के परम भक्त नंदी जी के बारे में धर्म गुरु जग्गी महाराज कहते की प्रत्येक मनुष्य को नंदी बैल की तरह जीवन जीना चाहिए, जहां भगवान शिव जी की मूर्ति होगी उनके ठीक सामने या उनके मंदिर के द्वार पर नंदी महाराज की मूर्ति स्थापित होगी ही । नंदी बैल को पुराणों में भी विशेष स्थान दिया गया है । नंदी अपने ईश्वर शिव का केवल एक वाहन ही नहीं बल्कि उनके परम भक्त होने के साथ-साथ उनके साथी, उनके गणों में सबसे ऊपर और उनके मित्र भी हैं । नंदी महाराज को शास्त्रों में धर्म की उपाधि मिली हुई है, कहा जाता है कि धर्म की रक्षा के लिए शिव के वाहन भक्त नंदी बैल सदैव अधर्म का नाश करने के लिए तत्पर रहते है और जहां कहीं भी दुष्ट दानवों द्वारा धर्म के रक्षकों ऋषियों, संतों, साधकों, सतपुरूषों को परेशान किया जाता हैं वहां शिव जी का आज्ञा से स्वंय नंदी महाराज दुष्ट दानवों का अंत करने के लिए पहुंच जाते है ।
शिव का वाहन नंदी
अगर किसी मुनुष्य की गहरे ध्यान में जाने की प्रबल इच्छा पर हर संभव प्रयास के बाद भी ध्यान नहीं लगता तो ऐसे साधक भगवान शिव के वाहन नंदी से सीखे ध्यान की कला, नंदी का गुण यह है की, वह सजग होकर बैठा रहता है । यह बहुत अहम चीज है – वह सजग है, सुस्त नहीं । वह आलसी की तरह नहीं बैठा है । वह पूरी तरह सक्रिय, पूरी सजगता से बैठा है, इसी का नाम ध्यान है । नंदी अनंत प्रतीक्षा का प्रतीक है । भारतीय संस्कृति में इंतजार को सबसे बड़ा गुण माना गया है । जो बस चुपचाप बैठकर इंतजार करना जानता है, वह कुदरती तौर पर ध्यानमग्न हो सकता है । नंदी को ऐसी उम्मीद नहीं है कि शिव कल आ जाएंगे । वह किसी चीज का अंदाजा नहीं लगाता या उम्मीद नहीं करता । वह बस इंतजार करता है । वह हमेशा इंतजार करेगा । यह गुण ग्रहणशीलता का मूल तत्व है

नंदी शिव का सबसे करीबी साथी है क्योंकि उसमें ग्रहणशीलता का गुण है । किसी मंदिर में जाने के लिए आपके अंदर नंदी का गुण होना चाहिए । ताकि आप बस बैठ सकें । इस गुण के होने का मतलब है – आप स्वर्ग जाने की कोशिश नहीं करेंगे, आप यह या वह पाने की कोशिश नहीं करेंगे – आप बस वहां बैठेंगे । लोगों को हमेशा से यह गलतफहमी रही है कि ध्यान किसी तरह की क्रिया है । नहीं – यह एक गुण है । यही बुनियादी अंतर है । प्रार्थना का मतलब है कि आप भगवान से बात करने की कोशिश कर रहे हैं । ध्यान का मतलब है कि आप भगवान की बात सुनना चाहते हैं । आप बस अस्तित्व को, सृष्टि की परम प्रकृति को सुनना चाहते हैं । आपके पास कहने के लिए कुछ नहीं है, आप बस सुनते हैं । नंदी का गुण यही है, वह बस सजग होकर बैठा रहता है ।
ध्यान का मतलब मुख्य रूप से यही है कि वह इंसान अपना कोई काम नहीं कर रहा है । वह बस वहां मौजूद है । जब आप बस मौजूद होते हैं, तो आप अस्तित्व के विशाल आयाम के प्रति जागरूक हो जाते हैं, जो हमेशा सक्रिय होता है । ध्यान में मग्न होना मतलब- ‘मैं उसका एक हिस्सा हूं’ । नंदी उसी का प्रतीक है । वह बस बैठा रहकर हर किसी को याद दिलाता है, ‘तुम्हें मेरी तरह बैठना चाहिए ।’ उसका संदेश बहुत साफ है, आपको अपनी सभी फालतू बातों को बाहर छोड़कर ध्यान में एकाग्रता में जाना चाहिए ।


Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें (Hindi News App) Get all latest Dharma Karma News in Hindi from Politics, Crime, Entertainment, Sports, Technology, Education, Health, Astrology and more News in Hindi