धर्म-कर्म

अकाल मृत्यु, बड़े संकटों से बचाता है भगवान शिव का ‘महामृत्युंजय मंत्र’

भगवान शिव के ‘महामृत्युंजय मंत्र’ को सर्वदोष नाशक मंत्र भी माना जाता है, यह मंत्र मानव जीवन के लिए अभेद्य कवच है

Nov 19, 2015 / 04:47 pm

सुनील शर्मा

Mahamrityunjaya mantra of mahadev shiv bholenath

भगवान शिव के ‘महामृत्युंजय मंत्र’ को सर्वदोष नाशक मंत्र भी माना जाता है। यह मंत्र मानव जीवन के लिए अभेद्य कवच है। बीमारी की अवस्था में और दुर्घटना आदि से मृत्यु के भय को दूर करता है। शारीरिक पीड़ा के साथ मानसिक पीड़ा को भी नष्ट करता है। इसके जाप से शरीर रक्षा के साथ बुद्धि, विद्या, यश और लक्ष्मी भी बढ़ती है।

कब करना चाहिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप

ज्योतिषी असाध्य रोगों, मृत्यु तुल्य कष्टों और अचानक आने वाली दुर्घटनाओं से बचाव करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना ही सर्वश्रेष्ठ बताते हैं। इसके अलावा जन्म कुंडली के कष्टकारक ग्रहों और पीड़ादायक दशा-अंर्तदशा में शुभ फल देता है। इष्टजनों के वियोग, भाई-बंधुओं से विद्रोह, दोषारोपण, कलंक, मन में उदासी, धनाभाव, कोर्ट-कचहरी आदि कष्टों में यह कारगर है। विवाह मेलापक में नाडी दोष, षडष्टक (भकूट) दोष और मांगलिक दोष निवारण में भी यह उपयोगी है। नियमित तौर पर महामृत्युंजय के जप करने से सभी प्रकार की व्याधियां करीब नहीं आतीं।

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क्या है महामृत्युञ्जय मंत्र

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