इस बार सिंहस्थ कुंभ विशेष ग्रह-परिस्थिति में होगा, यह संयोग 95 साल बाद आएगा, इस बार गुरु चांडाल योग होना महान आपत्ति के है
सिंहस्थ कुंभ 2016 विशेष संयोग के साथ मनाया जाएगा। यह संयोग 95 साल बाद आने वाला है। इसमें महापर्व का प्रारंभ और समापन उसी तिथि, वार व तारीख पर हो रहा है जो 1921 में हुआ था। उस समय भी तिथि-चैत्र शुक्ल, वार- शुक्रवार, तारीख- 22 अप्रैल ही थी। साथ ही वर्ष 2016 में उसी तिथि, वार व तारीख को महाकुंभ का समापन भी होगा, जो वर्ष 1921 में हुआ था। ज्योतिष पं. आनंदशंकर व्यास ने बताया अगले साल सिंहस्थ महापर्व का समापन वैशाख शुक्ल शनिवार 21 मई को होगा।
2016 में भी बन रहा गुरु चांडाल योग
पं. व्यास ने बताया 1921 में देवगुरु की पापग्रह शनि से युति व मंगल की दृष्टि थी। साथ ही सूर्य केतु के साथ ग्रहण में रहा था। शनि मंगल में परस्पर दृष्टि भी बनाए हुए था। सिंहस्थ का प्रधान देवता गुरु है। जब पाप ग्रह से युक्तव दृष्ट हो तो संकट, पीड़ा के साथ अप्रिय घटना की स्थिति निर्मित करता है। इससे 1921 में महामारी फैली थी।
2016 के कुंभ में भी गुरु चांडाल योग बन रहा है। इस आशंका को लेकर पं. व्यास ने संभागायुक्तरवींद्र पस्तोर से बात की है और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को भी पत्र लिखा है। योग के प्रभाव को अतिरुद्रमहायज्ञ, लक्ष्यचंडी यज्ञ व गणपति के सवा लाख जप से कम कर सकते हैं।