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chaitra navratri : मां दुर्गा के इन 6 रूपों की ऐसे करें पूजा, सुख शांति और पैसौं की होने लगेगी बारिश

locationभोपालPublished: Apr 08, 2019 01:30:17 pm

Submitted by:

Shyam

मां दुर्गा के इन 6 रूपों की ऐसे करें पूजा, सुख शांति और पैसौं की होने लगेगी बारिश

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chaitra navratri : मां दुर्गा के इन 6 रूपों की ऐसे करें पूजा, सुख शांति और पैसौं की होने लगेगी बारिश

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की अलग अलग नौ दिनों तक विशेष पूजा अर्चना की जाती हैं । लेकिन कहा जाता हैं कि अगर किसी को अपने जीवन में भरपूर सुख शांति और अथाह पैसों की कामना हो तो उन्हें नवरात्र के चौथे दिने से लेकर नवमें दिन तक यानी की कुल 6 दिनों तक मां दुर्गा के इन 6 रूपों- कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं मां सिद्धिदात्री की विशेष पूजा आराधना करना चाहिए । इन माताओं की कृपा से जीवन में किसी भी चीज का अभाव नहीं रहता हैं ।

 

1- चैत्र नवरात्रि के चतुर्थ दिन मां कुष्मांडा रूप की पूजा आराधना करने से अनेक रोगों से मुक्ति दिलाने के साथ मां कुष्मांडा अपने भक्तों को धन-धान्य से परिपूर्ण कर देती हैं । इनकी उपासना से समस्त रोग व शोक दूर होने के साथ आयु, यश, बल, आरोग्य के साथ व्यक्ति बड़ा धनवान भी बन जाता है ।

2- चैत्र नवरात्रि के पंचम दिन माते स्कंदमाता रूप की पूजा अर्चना करने से सुख-शांति के साथ परम धाम की प्राप्ति होती हैं । इस दिन मां स्कंदमाता का विशुद्ध चक्र में ध्यान कर पूजा करने से मां सभी इच्छाएं पूरी कर देती हैं ।


3- चैत्र नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी रूप की आराधना करते समय माता कात्यायनी ध्यान अपने आज्ञा चक्र में करने से अनेक सिद्धियां स्वतः प्राप्त हो जाती है और रोग, शोक, संताप, भय आदि का नाश होकर धन-धान्य की प्राप्ति होती है ।

4- चैत्र नवरात्र के सातवें दिन मां के कालरात्रि स्वरूप की विशेष उपासना अपने भानु चक्र अर्थात सिर के मध्य में ध्यान करते हुये करने से व्यक्ति को भयंकर से भयंकर शत्रुओं से रक्षा होती है ।


5- चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा अपने सोमचक्र उध्र्व ललाट में ध्यान करते हुये करने से मानसिक शक्ति शांति प्राप्त होने के साथ अच्छे मित्रों की संख्या में वृद्धि होती है ।

6- चैत्र मास की नवरात्रि के आखरी दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप की विशेष विधि विधान से पूजा की जाती है । इस दिन व्यक्ति अपने निर्वाण चक्र जो कि कपाल के मध्य स्थित होता है में मां सिद्धिदात्री का ध्यान करते हुए पूजन करने से असंभव कार्य भी अति सरल व संभव हो जाते है और जीवन में सभी तरह की सुख-समृद्धि प्राप्त होने लगती हैं ।

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