script17 अप्रैल को है बुधवारी प्रदोष, अगर जिंदगी में है परेशानी तो एक बार कर लें ये उपाय संवर जायेगा भाग्य | Pradosh Vrat 17 april 2019 in hindi | Patrika News

17 अप्रैल को है बुधवारी प्रदोष, अगर जिंदगी में है परेशानी तो एक बार कर लें ये उपाय संवर जायेगा भाग्य

locationभोपालPublished: Apr 16, 2019 11:34:37 am

Submitted by:

Shyam

इस उपाय को करते ही हो जायेंगे वारे न्यारे, खुल जायेगी किस्मत

Pradosh Vrat

17 अप्रैल को है बुधवारी प्रदोष, अगर जिंदगी में है परेशानी तो एक बार कर लें ये उपाय संवर जायेगा भाग्य

17 अप्रैल दिन बुधवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को बुधवारी प्रदोष व्रत का दिन है । इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को विद्या बुद्धि की प्राप्ति के साथ भगवान शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं । प्रदोष वाले दिन शंकर जी की पूजा आराधना करने से वे शीघ्र प्रसन्न होकर व्यक्ति के जीवन की गंभीर से गंभीर समस्याओं को दूर कर देते है । शास्त्रों में प्रदोष व्रत को अन्य व्रतों में पहला स्थान प्राप्त हैं । जाने कैसे करना चाहिए इस व्रत को और क्या है इसके शुभफल ।

 

ऐसी मान्यता हैं कि अगर किसी व्यक्ति के जीवन में परेशानियों के कारण किसी भी तरह की तरक्की नहीं हो पा रही हो तो बुधवारी प्रदोष के दिन उपवास रखकर सुबह के समय श्री गणेश जी की एवं प्रदोष काल सूर्यास्त के समय भगवान शिवजी की विशेष पूजा अर्चना करना चाहिए । विशेषकर प्रदोष काल में मीठे जल से किसी प्राचीन शिवलिंग का परेशानियों से मुक्ति की कामना से अभिषेक करने से शीघ्र लाभ होने लगता है ।

कहा जाता हैं कि प्रदोष का व्रत रखने वालें व्यक्ति को 2 गायों के दान करने के बराबर पुण्यफल मिलता हैं । प्रदोष व्रत के बारे शास्त्रों में कथा आती हैं की एक दिन जब चारों दिशाओं में अधर्म का बोलबाला नजर आयेगा, अन्याय और अनाचार अपना चरम सीमा पर होगा, व्यक्ति में स्वार्थ भाव बढ़ने लगेगा, और व्यक्ति सत्कर्म के स्थान पर छुद्र कार्यों में आनंद लेगा, और इस कारण ऐसे लोग जो पाप के भागी बनेंगे, अगर वे प्रदोष का व्रत करने के साथ भगवान शिवजी की विशेष पूजा करेगा उसके इस जन्म ही नहीं बल्कि अन्य जन्म- जन्मान्तर के पाप कर्म भी नष्ट हो जाते हैं औऱ उत्तम लोक की प्राप्ति के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है ।

 

प्रदोष व्रत रखने के साथ करे यह उपाय-

1- जीवन के सभी पापों के नाश के लिए 17 अप्रैल बुधवारी प्रदोष व्रत अवश्य करें ।
2- इस दिन सूर्यास्त के समय किसी शिवमंदिर में जाकर 251 बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें ।
3- गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करें ।
4- 108 बिना खंडित बेलपत्र अर्पित करें ।
5- उक्त पूजा करने के बाद ऋतुफल का भोग शिवजी को लगायें, एक श्रीफल भेट करने के बाद दण्वत प्रणाम करते हुए सभी पाप कर्मों की मुक्ति की प्रार्थना भी करें ।
6- पूजन के बाद मंदिर से बाहर निकले पर कोई दरिद्र मिल जाये तो उन्हें कुछ न कुछ दान अवश्य करें । इससे आपकी मनोकामनाएं भी पूरी जाती हैं ।
7- शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से जाने अंजाने में हुये सभी तरह के पुराने से पुराने पाप कर्मों के फल से मुक्ति मिल जाती हैं ।

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