इसलिए वर्जित हैं राहुकाल में शुभकार्य करना
ज्योतिष के जानकार कहते है कि राहुकाल का समय क्रूर ग्रह राहु के नाम से है जो एक पाप ग्रह माना गया है । इसलिए राहुकाल में जो भी कार्य किये जाते है वे कार्य पाप ग्रस्त होकर असफल हो जाते है । इस भूलकर भी राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए ।
ज्योतिषिय गणना के अनुसार यह काल कभी सुबह, कभी दोपहर तो कभी शाम के समय आता है । लेकिन हमेशा सूर्योदय से पूर्व ही पड़ता है । राहुकाल की अवधि दिन (सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय) के आठवें भाग के बराबर होती है । यानि की राहुकाल का समय कुल डेढ़ घंटा का होता है ।
ऐसा होता है राहू काल
1- रविवार के दिन शाम 4 बजकर 30 से 6 बजे तक ।
2- सोमवार के दिन दूसरा भाग यानि की सुबह 7 बजकर 30 मिनट से सुबह 9 बजे तक ।
3- मंगलवार के दिन दोपहर 3 बजे से शाम 4 बजकर 30 मिनट तक ।
4- बुधवार के दिन दोपहर 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक ।
5- गुरुवार के दिन दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक का समय यानि की दिन का छठा भाग राहुकाल होता है ।
6- शुक्रवार के दिन चौथा भाग यानि की सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजे तक का समय राहुकाल होता है ।
7- शनिवार के दिन सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक का समय राहुकाल होता है ।
राहु के उपाय
अगर किसी जातक को राहुकाल में को परेशानी होती हो तो वे इन उपायों को जरूर करें, लाभ मिलेगा ।
1- राहु काल में एक चौमुखा, चार बत्ती वाली दीपक जलाकर राहु को अर्पित करें, तथा कोई भी मीठा प्रसाद बनाकर चढ़ाएं ।
2- दुर्गा चालीसा का पाठ करें, पक्षियों को प्रतिदिन बाजरा खिलाएं, सप्तधान्य का दान राहुकाल में करें । एक नारियल ग्यारह साबुत बादाम काले वस्त्र में बांधकर बहते जल में प्रवाहित कर दें ।
3- अगर संभव हो तो किसी प्राचीन शिवलिंग पर जलाभिषेक करें ।
4- अपने घर के नैऋत्य कोण में पीले रंग के फूल अवश्य लगाएं ।
5- तामसिक आहार व मदिरापान बिल्कुल भी नहीं करें ।