पंचांग के अनुसार साल 2022 (संवत्सर 2078) के माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 05 फरवरी शनिवार को सुबह 03:47 बजे से होगा, वहीं इसका समापन अगले दिन यानि रविवार को सुबह 03:46 बजे होगा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस तिथि को एक अबूझ मुहूर्त माना जाता है।
ज्योतिष के जानकार पंडित एसके उपाध्याय के अनुसार माना जाता है कि इस दिन जातक को अपनी राशि पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं, वहीं जिन्हें राशि को लेकर भ्रम हो उन्हें इस दिन स्फटिक माला से क्षमता के अनुसार 'ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:' का जापकर, कन्याओं को दूध से बनी मिठाई खिलाएं।

सरस्वती पूजा मुहूर्त : सुबह 07:07:21 बजे से लेकर दोपहर 12:35:21 तक
अवधि : 5 घंटे 28 मिनट
रवि योग : शाम 04:09 बजे से अगले दिन प्रात: 07:06 बजे तक

6. कन्या राशि - 'ॐ ऐं नम:' का जप करें और पुस्तक, ग्रंथ इत्यादि दान करें ।
7. तुला राशि - किसी ब्राह्मण कन्या को पूजन कर पुस्तक ग्रंथ और सफेद वस्त्र दान करें और श्वेत मिठाई खिलाएं। 'ॐ ऐं नम:' का जाप करें।
8. वृश्चिक राशि - माता सरस्वती का पूजन कर श्वेत रेशमी वस्त्र चढ़ाएं साथ ही कन्याओं को दूध से बनी मिठाई खिलाएं। 'ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:' का जाप करें।
9. धनु राशि - माता सरस्वती को श्वेत चंदन चढ़ाएं और पूजन के पश्चात श्वेत वस्त्र दान करें।
10. मकर राशि - ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:' से मंत्रित कर ब्राह्मी नामक औषधि का सूर्योदय के पहले सेवन कर लें। सफलता कदम चूमेगी।
11. कुंभ राशि - कन्याओं को माता सरस्वती के पूजन के पश्चात खीर खिलाएं और 'ॐ ऐं नम:' जपें।
12. मीन राशि - पुरुष अपनी दाहिनी भुजा और स्त्री अपनी बाईं भुजा पर अपामार्ग की जड़ शास्त्रीय तरीके से निकालकर 'ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:' की 11 माला, स्फटिक माला से कर सफेद वस्त्र में बांधकर धारण करें।
विद्यार्थी के लिए ये है विशेष
वसंत पंचमी का पर्व सभी के लिए विशेष महत्व रखता है। ऐसे में वसंत पंचमी पर विद्यार्थियों को माता सरस्वती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। जो लोग सरस्वती के कठिन मंत्र का जाप नहीं कर सकते, उन्हें मां सरस्वती के सरल मंत्र का जाप करना चाहिए। माना जाता है कि वसंत पंचमी पर इस मंत्र का पाठ विद्या और बुद्धि में वृद्धि करता है।
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मां सरस्वती का सरल मंत्र
'ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।'
- मैहर में मां सरस्वती का सुप्रसिद्ध मंदिर मौजूद है। मैहर की शारदा माता को प्रसन्न करने का मंत्र इस प्रकार है।
'शारदा शारदांभौजवदना, वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रियात्।'
अर्थात: शरद काल में उत्पन्न कमल के समान मुखवाली और सब मनोरथों को देने वाली मां शारदा समस्त समृद्धियों के साथ मेरे मुख में सदा निवास करें।
- 'क्लीं' देवी मां सरस्वती का बीज मंत्र है। क्लींकारी कामरूपिण्यै यानी 'क्लीं' शास्त्रों में काम रूप में पूजनीय है।
सरस्वती गायत्री मंत्र से मनुष्य की वाणी सिद्ध हो जाती है। समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला यह मंत्र देवी मां सरस्वती का सबसे दिव्य मंत्र माना जाता है।
- सरस्वती गायत्री मंत्र : 'ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।'
माना जाता है कि इस मंत्र की 5 माला का जाप करने से साक्षात मां सरस्वती प्रसन्न हो जाती हैं और साधक को ज्ञान-विद्या का लाभ प्राप्त होना शुरू हो जाता है। विद्यार्थियों को ध्यान करने के लिए त्राटक अवश्य करना चाहिए। 10 मिनट रोज त्राटक करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। यह एक बार अध्ययन करने से कंठस्थ हो जाता है।