script16 दिन का रहेगा श्राद्ध पक्ष, चंद्रग्रहण के साथ होगी सूर्य-राहू की युति | Shraddh Paksh will have 10 days this year, Sun Rahu will conjugate | Patrika News

16 दिन का रहेगा श्राद्ध पक्ष, चंद्रग्रहण के साथ होगी सूर्य-राहू की युति

Published: Sep 27, 2015 10:22:00 am

चंद्रग्रहण और दुर्लभ योग के साथ पूरे 16 दिन का रहेगा श्राद्ध पक्ष, आज
अनंत चतुर्दशी के साथ होगा शुरू

श्राद्ध पक्ष में कई योग बन रहे हैं जिसके कारण तर्पण से कई गुना फल मिलेगा। चंद्रग्रहण और दुर्लभ योग ने श्राद्ध पक्ष को महत्वपूर्ण बना दिया है। इस बार 16 दिन का श्राद्ध पक्ष रहेगा। रविवार को अनंत चतुर्दशी के साथ पूर्णिमा का श्राद्ध भी होगा। ज्योतिष पं. सोमेश्वर जोशी ने बताया, ऋषि और पितृ ऋण सहित तीनों ऋण चुकाने वाला पक्ष रविवार से शुरू होकर 12 अक्टूबर को सोमवती अमावस्या के साथ समाप्त होगा। अश्विन कृष्ण पक्ष (महालय) तथा कनागत नाम से जाने जाने वाले इस पक्ष को कन्या राशि के सूर्य में श्रेष्ठ मना जाता है। यह योग कई वर्षों बाद बन रहे हैं।

श्राद्ध के दूसरे दिन ग्रहण

श्राद्ध पक्ष की शुरूआत के एक दिन बाद चंद्रग्रहण होगा। सूर्य व राहू की युति होने से 16 दिन तक ग्रहण योग रहेगा। भारतीय समय अनुसार 28 को सुबह 7.40 बजे चंद्रग्रहण शुरू होकर 8.53 तक रहेगा। अप्रैल 2014 से यह चौथा और इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण है। नासा ने घोषणा की है, भारत के पश्चिमी भाग में यह दिखाई देगा। यह रेड मून की तरह दिखेगा। 1977 में भी 28 सितंबर को चंद्रग्रहण के साथ ही पितृ पक्ष की शुरूआत हुई थी।



कब और कौन करे श्राद्ध

हर व्यक्ति को श्राद्ध करना चाहिए। जिस स्त्री को संतान और पति न हो वह अपने पति तथा बच्चों का श्राद्ध कर सकती है। गुरू, संन्यासियों का भी श्राद्ध शिष्यों को करना चाहिए।



दुर्लभ योग

ज्योतिष में पितरों तथा नैनिहाल पक्ष का कारक सूर्य माना जाता है। सूर्य और राहू जब एकसाथ कुंडली में चतुर्थ तथा दशम भाव में बैठते हैं तो एक महत्वपूर्ण दोष उत्पन्न होता है। इसे पितृ दोष कहते हैं। ज्योतिष इतिहास में पहली बार ऎसा अवसर आया है, श्राद्ध पक्ष में सूर्य, बुध, राहू, कन्या राशि में विशेष योग बना रहा है।

गज छाया योग

19 साल बाद श्राद्ध पक्ष में सूर्य व राहू की युति से गज छाया योग बन रहा है। इसके पहले 1996 में यह योग बना था। इसमें पितृकर्म (श्राद्ध-तर्पण-पिंडदान) करने से अनंत गुना फल मिलता है। पितृ तृप्त होकर धन-धान्य, पुत्र-पौत्र, सुख-संपत्ति के सुख का अशीर्वाद देंगे। इसमें तर्पण श्राद्ध करना उत्तम फलदायक रहेगा।

– सुधीर पंडित
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