scriptचैत्र माह के कृष्ण पक्ष की शुरुआत में ही सोमवार और गणेश चतुर्थी व्रत का संयोग, जानें पूजा विधि और क्या न करें इस दिन | Special yog of Ganesh chaturthi and monday | Patrika News

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की शुरुआत में ही सोमवार और गणेश चतुर्थी व्रत का संयोग, जानें पूजा विधि और क्या न करें इस दिन

Published: Mar 11, 2022 01:28:21 pm

– चैत्र माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा की शुरुआत 19 मार्च 2022 से- 21 मार्च को गणेश चतुर्थी व्रत

chetra maah 2022- special puja

chitra maah 2022- special puja

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी इस साल 2022 में सोमवार, 21 मार्च को है। इस तिथि को गणेश चतुर्थी व्रत कहते हैं। ऐसे में इस बार सोमवार यानि भगवान शिव के दिन ये चतुर्थी होने से इस दिन गणेशजी के साथ ही शिवजी की भी विशेष पूजा की जानी चाहिए।
भगवान श्री गणेशजी चतुर्थी तिथि के स्वामी माने गए है। ऐसे में मान्यता के अनुसार इस दिन गणेशजी के लिए व्रत-उपवास और पूजा-पाठ करने से सुख-समृद्धि, ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार सोमवार को श्री गणेश चतुर्थी होने पर गणेशजी के साथ ही शिवजी की भी पूजा करनी चाहिए। वहीं इस दिन भगवान को जनेऊ, दूर्वा और फल अवश्य चढ़ाने चाहिए।

तो चलिए जानते है कि गणेश चतुर्थी व्रत पर भगवान श्री गणेशजी की पूजा कैसे करें?

: गणेश चतुर्थी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नान के पश्चात लाल वस्त्र धारण करने चाहिए। वहीं इसके पश्चात सूर्य को जल अवश्य चढ़ाएं। गणेश प्रतिमा को इस दिन घर के मंदिर में स्थापित करने के बाद प्रतिमा या चित्र के समक्ष सिंदूर, दूर्वा, फूल, चावल, फल, जनेऊ, प्रसाद आदि चीजें चढ़ाएं। और फिर वहां उनके सामने धूप-दीप जलाएं।

: इस दौरान पूजा के दौरान भी मन में श्री गणेशाय नम: मंत्र का जाप करते रखें। वहीं इस दिन सुबह के समय ही गणेशजी के सामने व्रत करने का संकल्प उठा लें और फिर पूरे दिन अन्न ग्रहण न करें। व्रत के दौरान व्रती केवल फलाहार, पानी, दूध, फलों का रस आदि चीजों का सेवन कर सकता है।

: चतुर्थी के दिन गणेशजी के सामने दीपक जलाएं। फिर उनकी पूजा करें। इसके बाद कम से कम 108 बार उनके 12 नाम मंत्रों का जाप करें।
ये 12 नाम मंत्र हैं –
1. ऊँ सुमुखाय नम:।
2. ऊँ एकदंताय नम:।
3. ऊँ कपिलाय नम:।
4. ऊँ गजकर्णाय नम:।
5. ऊँ लंबोदराय नम:।
6. ऊँ विकटाय नम:।
7. ऊँ विघ्ननाशाय नम:।
8. ऊँ विनायकाय नम:।
9. ऊँ धूम्रकेतवे नम:।
10. ऊँ गणाध्यक्षाय नम:।
11. ऊँ भालचंद्राय नम:
12. ऊँ गजाननाय नम:।
श्री गणेशजी की पूजा पूरी होने के बाद भक्तों को प्रसाद बांटें और भगवान श्री गणेशजी से दुख दूर करने की प्रार्थना करें।

गणेश चतुर्थी व्रत के दिन क्या न करें
मान्यता के अनुसार इस दिन भूलकर भी गणपति को तुलसी नही चढ़ानी चाहिए। इसके अलावा चूंकि मूषक श्री गणेशजी का वाहन है अत: इस दिन उसे भी नहीं सताना चाहिए। काले रंग को निगेटिव एनर्जी का स्त्रोत माना गया है ऐसे में इस दिन काले रंग को पहनना अच्छा नहीं माना जाता। ध्यान रहे इस दिन दिए जाने वाले अर्घ्य के छीटें गलती से भी पैर पर नहीं पड़ने चाहिए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो