तो चलिए जानते है कि गणेश चतुर्थी व्रत पर भगवान श्री गणेशजी की पूजा कैसे करें?
: गणेश चतुर्थी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नान के पश्चात लाल वस्त्र धारण करने चाहिए। वहीं इसके पश्चात सूर्य को जल अवश्य चढ़ाएं। गणेश प्रतिमा को इस दिन घर के मंदिर में स्थापित करने के बाद प्रतिमा या चित्र के समक्ष सिंदूर, दूर्वा, फूल, चावल, फल, जनेऊ, प्रसाद आदि चीजें चढ़ाएं। और फिर वहां उनके सामने धूप-दीप जलाएं।
: इस दौरान पूजा के दौरान भी मन में श्री गणेशाय नम: मंत्र का जाप करते रखें। वहीं इस दिन सुबह के समय ही गणेशजी के सामने व्रत करने का संकल्प उठा लें और फिर पूरे दिन अन्न ग्रहण न करें। व्रत के दौरान व्रती केवल फलाहार, पानी, दूध, फलों का रस आदि चीजों का सेवन कर सकता है।
ये 12 नाम मंत्र हैं –
1. ऊँ सुमुखाय नम:।
2. ऊँ एकदंताय नम:।
3. ऊँ कपिलाय नम:।
4. ऊँ गजकर्णाय नम:।
5. ऊँ लंबोदराय नम:।
6. ऊँ विकटाय नम:।
7. ऊँ विघ्ननाशाय नम:।
8. ऊँ विनायकाय नम:।
9. ऊँ धूम्रकेतवे नम:।
10. ऊँ गणाध्यक्षाय नम:।
11. ऊँ भालचंद्राय नम:
12. ऊँ गजाननाय नम:।
मान्यता के अनुसार इस दिन भूलकर भी गणपति को तुलसी नही चढ़ानी चाहिए। इसके अलावा चूंकि मूषक श्री गणेशजी का वाहन है अत: इस दिन उसे भी नहीं सताना चाहिए। काले रंग को निगेटिव एनर्जी का स्त्रोत माना गया है ऐसे में इस दिन काले रंग को पहनना अच्छा नहीं माना जाता। ध्यान रहे इस दिन दिए जाने वाले अर्घ्य के छीटें गलती से भी पैर पर नहीं पड़ने चाहिए।