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इस सावन में 50 साल बाद बना यह शुभ संयोग, बहुत खास हैं चारों सोमवार

Published: Jul 25, 2016 12:41:00 pm

Submitted by:

Anil Kumar

50 साल बाद इस प्रकार का संयोग बना है, जिसमें रोजगार, आय, ज्ञान और कृषि क्षेत्र में वृद्धि की बात है

sawan somwar

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नई दिल्ली। आज सावन का पहला सोमवार है। इसबार 50 साल बाद इस प्रकार का संयोग बना है, जिसमें रोजगार, आय, ज्ञान और कृषि क्षेत्र में वृद्धि की बात है। इसके अलावा बीमारियों से छुटकारा दिलाने और कई ग्रह परिवर्तन होने वाला है। इस सावन में चारों सोमवार बहुत ही विशेष रहने वाले हैं। पंडितों के मुताबिक इस सावल के चारों दिन पडऩे वाले सोमवार शुभ बन रहे हैं। इसका कारण सावन का आगमन प्रतिपदा तिथि और उत्तर आषाढ़ नक्षत्र में 20 जुलाई को होना है। 

सावन का पहला सोमवार
सावन का पहला सोमवार 25 जुलाई को है और यह धृति योग में आ रहा है। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी कुछ समय तक रहेगा। माना जाता है कि इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से बाधाओं से छुटाकारा मिलेगा।

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सावन का दूसरा सोमवार 
सावन का दूसरा सोमवार 1 अगस्त को वज योग में आ रहा है। इस दिन भी सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस दोनों योगों के कारण सावन का दूसरा सोमवार विशेष फलदायक बन गया है। इस संयोग में शिव स्तुति करने से शक्ति मिलन के साथ ही स्वास्थ्य भी ठीक रहता है

सावन का तीसरा सोमवार
सावन का तीसरा सोमवार 8 अगस्त को साद्य योग में पड़ रहा है। इस योग को साधना और भक्ति के लिए उत्तम माना गया है। इस दिन शिव की पूजा करने से कठिन से कठिन काम भी पूरे होते हैं।

सावन का चौथा सोमवार
चौथा सोमवार 15 अगस्त को आयुष्मान योग में होगा। यह सोमवार प्रदोष व्रत को साथ लेकर आ रहा है। प्रदोष व्रत भी भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन शिव की अराधना करने वाले जातकों की आयु में वृद्धि होती है। आर्थिक परेशानियों में कमी आती है तथा जीवन पर आने वाले संकट से भगवान शिव रक्षा करते हैं।

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सावन में ये दिन भी हैं फल देने वाले
सोमवार के अलावा 31 जुलाई, 1अगस्त और 2 अगस्त का दिन विशेष शुभ फलदायी है। 31 जुलाई को रवि प्रदोष व्रत और त्रयोदशी है, वहीं 1 अगस्त को सोमवार और शिव रात्रि पूजा एवं दो अगस्त को भौमवती आमावस्या होने से शिव की पूजा फलदायी है

मनोवांछित फल की होती है प्राप्ति
यह व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने पति रूप में भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए किया था। सोमवार के व्रत का शिव की आराधना और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिये विशेष महत्व है। सौभाग्यवती स्त्रियां पति की लम्बी आयु, संतान रक्षा के साथ अपने भाई की सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत करती है। पुरूष इस व्रत का पालन संतान, धन-धान्य और प्रतिष्ठा के लिए करते हैं। सोमवार व्रत का नियमित रूप से पालन करने से भगवान शिव और देवी पार्वती की अनुकंपा बनी रहती है।

शिव बेलपत्र और धतूर से होते हें प्रसन्न
सावन में भगवान भोलेनाथ की पूजा दूध, दही, घी, शक्कर, गंगाजल, बेलपत्र, भांग, धतूर, दूब, श्रीफल आदि से करनी चाहिए। इससे पुण्य फलों में वृद्धि होती है। इस दौरान रुद्राभिषेक, शिवपुराण, शिव स्त्रोत का पाठ करना भी लाभकारी है।

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