चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि सायं ७.०० तक, तदन्तर पंचमी पूर्णा संज्ञक तिथि है। चतुर्थी तिथि में शत्रुमर्दन, बंधन अग्निविषादिक असद् कार्य सिद्ध होते हैं। शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित हैं। पंचमी तिथि में सभी चंचल व स्थिर कार्य तथा अन्य मांगलिक कार्यादि शुभ होते हैं। पर अभी समय शुद्ध नहीं है।
योग: प्रीति नामक योग दोपहर बाद १.३७ तक, इसके बाद आयुष्मान नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं। विशिष्ट योग: कुमार योग नामक शुभ योग सायं ७.०० से रात्रि २.१६ तक, इसके बाद अगले दिन सूर्योदय तक सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से पूर्वाह्न ११.१४ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर १२.३२ से दोपहर बाद १.५० तक शुभ तथा सायं ४.२५ से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.११ से १२.५३ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
राहुकाल: प्रात: १०.३० से दोपहर १२.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे :
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (म,मी,मू,मे,मो) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि सिंह है तथा जन्म रजतपाद से हुआ है। सामान्यत: ये जातक धनी, कला के शौकीन, पराक्रमी, माता-पिता व गुरु इत्यादि के आज्ञाकारी, धनवान, चतुर, व्यवहार कुशल, साहसी, शत्रुजयी, निपुण, मृदुभाषी, विद्यावान व आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग २५ वर्ष की आयु के बाद ही होता है। सिंह राशि वाले जातकों की आज सकाम लाभप्रद यात्रा होगी। माता-पिता की सेवा करना लाभदायक सिद्ध होगी।