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आज चन्द्रग्रहण पर बना राजयोग, इन उपायों को करने से बन जाएगी बिगड़ी किस्मत

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6 years ago
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पूर्णिमा शुभ तिथि सायं ६.५७ तक है। इसके बाद फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा प्रारम्भ हो जाएगी। पूर्णिमा तिथि में विवाहादि मांगलिक कार्य, देवकार्य, मंदिर, प्रतिष्ठा, याज्ञिक, शान्ति व पौष्टिक आदि कार्य शुभ कहे गए हैं। अभी शुक्रास्त के कारण विवाहादि मांगलिक कार्य वर्जित हैं। नक्षत्र: पुष्य ‘क्षिप्र व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र सायं ५.३६ तक, तदन्तर अश्लेषा ‘तीक्ष्ण व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। पुष्य नक्षत्र में सभी चर स्थिर, शांति, पुष्टता तथा अन्य उत्सव सम्बंधी कार्य करने योग्य हैं। अश्लेषा गण्डान्त मूल संज्ञक नक्षत्र भी है। अत: अश्लेषा नक्षत्र में जन्मे जातकों की २७ दिन बाद जब इसी नक्षत्र की पुनरावृत्ति हो उस दिन नक्षत्र शांति करा देना जातकों के हित में होगा। योग: आयुष्मान नामक योग रात्रि २.२६ तक, इसके बाद सौभाग्य नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: राजयोग नामक शुभ योग सूर्योदय से सायं ५.३६ तक है। करण: भद्रा संज्ञक विष्टि नामकरण प्रात: ८.४० तक, तदुपरान्त बवादि करण प्रारम्भ हो जाएंगे।

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श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: ९.५९ तक लाभ व अमृत, पूर्वाह्न ११.१९ से दोपहर १२.४० तक शुभ तथा अपराह्न ३.२५ से सूर्यस्त तक चर व लाभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारंभ के लिए अत्युत्तम हैं। बुधवार को अभिजित नामक मुहूर्त शुभ कार्यों में ग्राह्य नहीं हैं। शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज पुष्य नक्षत्र में भद्रोत्तर, अन्नप्राशन, हलप्रवहण और विपणि-व्यापारारम्भ के यथा आवश्यक शुभ मुहूर्त हैं।

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व्रतोत्सव: आज माघी पूर्णिमा, सत्य पूर्णिमा व्रत, गुरु रविदास जयंती, माघ स्नान समाप्त, होलिका रोपण, भैरवी जयंती, मुख्य मेला वेणेश्वर डूंगरपुर (राज.) तथा खग्रास चद्र ग्रहण (भारत में दृश्य)। ग्रहण का सूतक: सूतक प्रात: सूर्य उदय के साथ ही प्रारंभ हो जाएगा। इसमें (बच्चों, वृद्ध व रोगियों को छोडक़र) धार्मिक जनों को भोजनादि नहीं करना चाहिए। चन्द्रमा: चन्द्रमा कर्क राशि में है। ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: अंतरात्रि ४.२५ पर शुक्र धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। दिशाशूल: उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल है। राहुकाल: दोपहर १२.०० से दोपहर बाद १.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

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