मौत का हाइवे बन रहा 11बी, धौलपुर से करौली सीमा तक गड्ढे ही गड्ढे....देखें तस्वीरें धौलपुर/बाड़ी/सरमथुरा. नेशनल हाइवे 44 को नेशनल हाइवे 11ए से जोडऩे वाले नेशनल हाइवे 11बी के हालात बेहद दयनीय हैं। धौलपुर से शुरू होकर बाड़ी, सरमथुरा, करौली और गंगापुर सिटी होकर लालसोट के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 11ए में मिलने वाले इस हाइवे की कुल लंबाई 180 किलोमीटर है। धौलपुर जिले में यह करीब 80 किलोमीटर लंबाई में फैला है। इन 80 किलोमीटर में बमुश्किल 10-15 किलोमीटर ही सडक़ सही हालत में है। बाकी हालात यह हैं कि गड्ढों में सडक़ है या सडक़ में गड्ढे कुछ पता नहीं चलता। जगह-जगह उधड़ी सडक़ दुर्घटनाओं को निमंत्रण देती है। आए दिन यहां दुर्घटनाओं में लोगों की जान जाती है। धौलपुर, आगरा, मुरैना समेत अन्य स्थानों के लोगों के लिए लोक आस्था के प्रतीक कैलादेवी मंदिर को जाने के लिए भी यह मार्ग है। ऐसे में इस मार्ग पर दिन-रात वाहनों की आवाजाही रहती है। photo, naresh lawaniyan
मौत का हाइवे बन रहा 11बी, धौलपुर से करौली सीमा तक गड्ढे ही गड्ढे....देखें तस्वीरें धौलपुर/बाड़ी/सरमथुरा. नेशनल हाइवे 44 को नेशनल हाइवे 11ए से जोडऩे वाले नेशनल हाइवे 11बी के हालात बेहद दयनीय हैं। धौलपुर से शुरू होकर बाड़ी, सरमथुरा, करौली और गंगापुर सिटी होकर लालसोट के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 11ए में मिलने वाले इस हाइवे की कुल लंबाई 180 किलोमीटर है। धौलपुर जिले में यह करीब 80 किलोमीटर लंबाई में फैला है। इन 80 किलोमीटर में बमुश्किल 10-15 किलोमीटर ही सडक़ सही हालत में है। बाकी हालात यह हैं कि गड्ढों में सडक़ है या सडक़ में गड्ढे कुछ पता नहीं चलता। जगह-जगह उधड़ी सडक़ दुर्घटनाओं को निमंत्रण देती है। आए दिन यहां दुर्घटनाओं में लोगों की जान जाती है। धौलपुर, आगरा, मुरैना समेत अन्य स्थानों के लोगों के लिए लोक आस्था के प्रतीक कैलादेवी मंदिर को जाने के लिए भी यह मार्ग है। ऐसे में इस मार्ग पर दिन-रात वाहनों की आवाजाही रहती है। photo, naresh lawaniyan