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171 स्कूल बनेंगे “आदर्श”

locationधौलपुरPublished: Jun 15, 2015 11:34:00 pm

बच्चों को प्रभावी तालीम देने के
लिहाज से सरकारी विद्यालयों को आदर्श विद्यालयों में तब्दील किया जाएगा, जिससे
बच्चे इन विद्यालयों में पढ़ने के लिए

Dholpur news

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धौलपुर। बच्चों को प्रभावी तालीम देने के लिहाज से सरकारी विद्यालयों को आदर्श विद्यालयों में तब्दील किया जाएगा, जिससे बच्चे इन विद्यालयों में पढ़ने के लिए सहज रूप से पहुंच सकें। ऎसे आदर्श विद्यालय अब हर ग्राम पंचायत स्तर पर खोले जाएंगे। इसके लिए विद्यालयों का चयन शुरू कर दिया है। जिले में शिक्षा विभाग ने 171 विद्यालयों का चयन किया है, जिन्हें आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा।

विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं बढ़ाकर शैक्षणिक व्यवस्था में गुणात्मक सुधार कर “सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस” के रूप में विकसित किए जाएंगे। इन विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाली शिक्षा गुणावत्तापूर्ण होगी। इससे बच्चों का भविष्य संवरेगा। इसके लिए कार्य योजना को जोर शोर से शुरू कर दिया है और मार्च 2018 तक सभी विद्यालयों को आदर्श विद्यालयों का रूप दे दिया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, सर्व शिक्षा अभियान तथा राज्य सरकार की अन्य विकास योजनाएं मनरेगा, एमएलए व एमपी लैड आदि का सहयोग लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त भामाशाह, दानदाता एवं सीएसआर के माध्यम से भी विकास कार्य कराए जाएंगे।

ऎसे विद्यालयों के लिए जिला स्तरीय/ ब्लॉक स्तरीय निष्पादन समिति का गठन किया है। योजना के ब्लॉक स्तर पर क्रियान्वयन के लिए उपखण्ड स्तर के अधिकारी कोे नोडल अधिकारी नियुक्त कर दायित्व सौंपे गए हैं। संस्था प्रधान की ओर से योजना की मार्गदर्शिका के अनुसार सभी अध्यापक एवं अन्य कार्मिकों को नेतृत्व प्रदान करते हुए विद्यालय को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा।

कार्य योजना को तीन चरणों में विभाजित किया गया है। प्रथम चरण 2015-16 के अन्तर्गत जिले के 19, द्वितीय चरण 2016-17 में 55 और तृतीय चरण 2017-18 में 97 विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। जिसके लिए ब्लॉक बाड़ी में 36, बसेड़ी में 41, धौलपुर में 33, राजाखेड़ा में 30 और सैंपऊ में 31 विद्यालयों को शामिल किया है।

आदर्श विद्यालय बनेंगे हाइटेक
शिक्षा विभाग ने इस योजना के अन्तर्गत आने वाले सरकारी विद्यालयों को आधुनिक युग के अनुसार हाइटेक बनाया जाएगा, जिससे विद्यालय में भौतिक सुविधाओं के साथ-साथ शैक्षिक स्तर में सुधार होगा। आदर्श विद्यालय में बच्चों को सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, जिससे बच्चों का विद्यालयों के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। विद्यार्थियों का नामांकन, प्रवेश, शैक्षिक सुधार, शिक्षण कार्य को गुणात्मक व प्रभावी बनाना, सामुदायिक सहभागिता, भौतिक विकास एवं विद्यालयों के समन्वयन के बाद रिक्त हुए भवनों का उपयोग आदि के अनुसार विकसित होंगे।

विद्यालयों में बालक-बालिकाओं के लिए कक्षा-कक्ष, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, पेयजल, शौचालय, विद्युत, फर्नीचर, सौन्दर्यीकरण आदि की सुविधाएं होगी। इसके साथ ही बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए खेल मैदान व सामग्री, पार्क, कम्प्यूटर लैब, पूर्ण अध्यापक, सुसज्जित भवन आदि व्यवस्थाएं की जाएगी। आदर्श विद्यालयों की शिक्षा को नवोदय स्कूल में दी जाने वाली शिक्षा और सुविधाओं के अनुरूप ही विकसित किया जाएगा।

विद्यार्थी का होगा पूर्ण विकास
आदर्श स्कूल में बच्चों में पढ़ाई के स्तर का पूर्ण ध्यान रखा जाएगा और उसी अनुसार उनकों शिक्षित किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बोर्ड परीक्षा परिणामों की समीक्षा की जाएगी और विद्यार्थी जिन विषयों में कमजोर पाए जाते हैं तो उनके लिए उपचारात्मक शिक्षा की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। साथ ही विद्यालयों के प्रभावी परिवीक्षण के साथ समय-समय पर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से प्रभावी संचालन के लिए सहयोग लिया जाएगा। भौतिक सुख सुविधाओं से सुसज्जित स्कूलों का शैक्षिक वातावरण किसी निजी स्कूल से बेहतर होगा, जिसमें बच्चों का पूर्ण विकास होने के साथ भविष्य चमकेगा।
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