- वर्ष 2015 का है मामला धौलपुर. विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट ने वर्ष 2015 में ट्रेन में सफर कर रही एक 9 वर्षीय नाबालिग के साथ शारीरिक दुराचार करने के मामले में एक मुल्जिम को दोषी करार देते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मधुसूदन राय ने इसके अलावा मुल्जिम को विभिन्न धाराओं में 75 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है। अर्थदंड में से पचास हजार रुपए पीडि़ता को दिए जाएंगे।
विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट के लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि मामला 2 अप्रेल 2015 का है। 9 वर्षीय पीडि़ता अपनी चार वर्षीय बहन और मां के साथ ट्रेन से सफर कर रही थी। ट्रेन की दो बर्थ पर सभी सो रहे थे। तभी चलती ट्रेन में धौलपुर के आस-पास एक यात्री मोहम्मद दानिश बर्थ पर सो रही 9 वर्षीय नाबालिग के साथ दुराचार करने की कोशिश करने लगा। नाबालिग चिल्लाने लगी तो उसकी मां जाग गई और ट्रेन में सफर कर रहे अन्य यात्रियों ने मोहम्मद दानिश को पकड़ कर रेलवे पुलिस के हवाले कर दिया। पीडि़ता की मां ने दिल्ली पहुंच कर जीआरपी थाने पर जीरो नंबर पर मुकदमा दर्ज कराया। जीआरपी ने मामला दर्ज कर पीडि़त नाबालिग का मेडिकल कराया और जप्ती बना कर जीरो नंबर की एफआईआर पर भरतपुर जीआरपी ने नाबालिग के बयानों, दस्तावेज साक्ष्य के आधार पर आईपीसी की धारा 376(2) एवं 5(एम)/6 पॉक्सो एक्ट में मोहम्मद दानिश को गिरफ्तार कर पॉक्सो न्यायालय में पेश किया। जो वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है। अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय में 15 गवाहा पेश किए गए। पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मधुसूदन राय ने बहस सुनने के बाद फैसला सुनाते हुए मुल्जिम मोहम्मद दानिश पुत्र राहत अली निवासी मकबरा डिग्गी मेरठ उत्तर प्रदेश को 20 वर्ष के कठोर करावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा मुल्जिम को विभिन्न धाराओं में 75 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।