धौलपुर. मानसून सीजन के खत्म होने के बाद धौलपुर में डेंगू हमेशा कहर बरपाता रहा है। मगर इस वर्ष पिछले साल के अपेक्षा डेंगू के मरीजों की संख्या कम रही है। हालांकि अब डेंगू के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। पिछले 22 दिनों में 65 मरीज डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं। जिले में अभी तक इस सीजन 160 मरीज डेंगू से पीडि़त मिल चुके हैं। तो वहीं पिछले सीजन अब तक 350 मरीज सामने आ चुके थे।
मानसून सीजन के बाद डेंगू का कहर देखने को मिलता है, ऊपर से स्वास्थ्य विभाग की लचर कार्यप्रणाली इसे और बढ़ावा देती है। जिस कारण डेंगू का डंक लोगों को पीड़ा पहुंचाता रहा है। लेकिन इस वर्ष ज्यादा और लगातार वर्षा होने के कारण लार्वा ठीक से न बन पाने से डेंगू के मामले कम देखने को मिल रहे हैं। पिछले वर्ष 29 अक्टूबर तक 350 मरीज डेंगू से पीडि़त हो चुके थे, जबकि इस सीजन अभी तक 160 मरीज ही सामने आए हैं। यानी इस साल 50 प्रतिशत से कम मरीज डेंगू के डंक से पीडि़त रहे। मरीजों की कम संख्या पर जानकार बताते हैं कि इस सीजन हुई ज्यादा और लगातार बारिश के कारण पानी लगातार और लंबे दिनों तक एक जगह भरा नहीं रह सका। लागातर बारिश के कारण पानी बार-बार साफ होता रहा। जिस कारण लार्वा भी नष्ट होता रहा। तो वहीं अधिकाधिक मरीज प्राइवेट जांच और निजी हॉस्पिटल का भी सहारा ले रहे हैं।
1 जनवरी से अभी तक 160 मरीज स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में 1 जनवरी से 20 सितम्बर तक 50 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिले थे। तो वहीं 21 सितम्बर से 5 अक्टूबर तक 45 मरीज सामने आए। 6 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक 65 मरीज सामने आ चुके हैं। यानी अभी तक इस सीजन 160 डेंगू के पॉजिटव मरीज जिले भर में मिल चुके हैं। इनमें से कई मरीज जिला अस्पताल धौलपुर तो कई मरीज जयपुर के सरकारी अस्पतालों से रिपोर्ट हुए हैं। यानी मरीजों की संख्या भी अब बढऩे लगी है।
कई क्षेत्रों में नहीं हुई फॉगिंगमानसून के बाद शहर की कई कालोनियों में जलभराव हो गया। जो कि मच्छरों के पनपने के लिए उचित स्थान माना जाता है। लेकिन विभाग ने कई क्षेत्रों में फॉगिंग तक नहीं कराई। जानकारी के मुताबिक फॉगिंग करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को बजट ने मिलने के कारण शहर में कई जगह फॉगिंग नहीं की गई। विभाग ने डेंगू की रोकथाम को 41 प्राइवेट युवक लगाए थे। जिन्होंने घर-घर जाकर एंटी-लार्वा का छिडक़ाव किया। जिनमें से 21 लडक़े शहर में और शेष लडक़े बाड़ी और
कई क्षेत्रों में नहीं हुई फॉगिंग मानसून के बाद शहर की कई कालोनियों में जलभराव हो गया। जो कि मच्छरों के पनपने के लिए उचित स्थान माना जाता है। लेकिन विभाग ने कई क्षेत्रों में फॉगिंग तक नहीं कराई। जानकारी के मुताबिक फॉगिंग करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को बजट ने मिलने के कारण शहर में कई जगह फॉगिंग नहीं की गई। विभाग ने डेंगू की रोकथाम को 41 प्राइवेट युवक लगाए थे। जिन्होंने घर-घर जाकर एंटी-लार्वा का छिडक़ाव किया। जिनमें से 21 लडक़े शहर में और शेष लडक़े बाड़ी और बसेड़ी में लगाए गए।
ओपीडी में खांसी जुकाम पीडि़तों का मेला सर्द मौसम की दस्तक के साथ ही जिले में खांसी-जुकाम और ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में इजाफा होना शुरू हो गया है। जिला अस्पताल की ओपीडी में इस मर्ज से पीडि़त लोग सबसे अधिक संख्या में पहुंच रहे हैं। वायरल, खांसी-जुकाम का बड़े पैमाने पर लोगों को प्रभावित कर रहा है। जो आम तौर पर होने वाली सर्दी से अलग ज्यादा दिनों तक मरीज पर प्रभाव डाल रहा है। ऐसे में ओपीडी में कार्यरत चिकित्सक ने सर्दी से बचाव के साथ खान-पान में गर्म चीजों का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं।