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फड़का और लट कर रही फसल को चट, किसानों के अरमान हो रहे चौपट, गांवों में किसान परेशान

locationधौलपुरPublished: Sep 01, 2022 12:16:51 pm

Submitted by:

santosh

गंगापुरसिटी व वजीरपुर उपखंड के कई गांवों के किसान फसल को बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों के यहां चक्कर काटने लगे है।

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बारिश के साथ तेज हवाओं के चलते बाजरा व ज्वार आदि खरीफ की फसल में नुकसान के बाद अब फड़का व लट ने धरतीपुत्रों की समस्याएं बढ़ा दी है। फड़का व लट किसानों द्वारा मेहनत व पसीने से सींची गई फसल को चौपट कर रहे है। गंगापुरसिटी व वजीरपुर उपखंड के कई गांवों के किसान फसल को बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों के यहां चक्कर काटने लगे है। हालांकि कृषि विभाग के अधिकारी कीटों से बचाव के लिए किसानों को कीटनाशक छिड़काव के लिए जरूरी सलाह दे रहे है। साथ ही दवा खरीद पर कृषि विभाग की ओर से दिए जा रहे अनुदान के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। किसानों का कहना है कि यदि समय रहते कीट पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो उनको खासा नुकसान होगा।

 

खरीफ की फसलों को अधिक नुकसान:
कृषि अधिकारियों के अनुसार फड़का कीट खरीफ की फसल ज्वार-बाजरा आदि को नुकसान पहुंचाता है। यह कीट जून से जुलाई में शिशु अवस्था में अंडों से बाहर निकलकर पौधों पर आ जाता है। व्यस्क फड़का कीट पौधों की पत्तियों को चट कर फसलों को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में बाजरे के सिट्टे का विकास नहीं हो पाता है। यह एक खेेत से उड़कर दूसरे खेत में पहुंच जाता है। ऐसे में यदि इसकी रोकथाम के लिए संयुक्त रूप से दवा आदि का छिड़काव नहीं किया जाए। तो इस पर नियंत्रण पाना खासा मुश्किल हो जाता है।

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यहां किसानों के लिए बना मुसीबत:
फड़का कीट व लट के प्रकोप से क्षेत्र के किसान खासे परेशान है। आलम है कि क्षेत्र के अमरगढ़ चौकी, नौगांव, मच्छीपुरा, मालियों की चौकी, मीना बड़ौदा, बड़ौली, रायपुर, मैड़ी, खंडीप, फुलवाड़ा, सेवा, श्यारौली व पीलोदा आदि गांवों में फड़का व लट का साया मंडरा रहा है। यहां के स्थानीय किसानों का कहना है कि खेत में बाजरे की खड़ी फसल को फड़का कीट चट करने में लगा है और कई बीघा में फसल खराब हो गई है। किसानों का कहना है कि ग्राम सेवा सहकारी समितियांं पर कीटनाशक भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में किसानों को अपनी फसलों को लेकर चिंता सता रही है।

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दवा खरीदने पर 50 फीसदी सब्सिडी:
कृषि अधिकारियों के अनुसार किसान फड़का कीट व लट के नियंत्रण के लिए
अधिकृत दुकानों से दवा की खरीदी कर सकते है। इन दवाओं पर कृषि विभाग द्वारा 50 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है। किसान कृषि पर्यवेक्षक के यहां आवेदन कर सकते है। किसानों को दवा खरीद का पक्का बिल जरूर लेना होगा।



एक्सपर्ट व्यू:
फड़का रोग मक्का, बाजरा व ज्वार की फसल को नुकसान पहुंचाता है। फड़का रोग की शुरूआत (शिशु अवस्था) में ही नियंत्रण कारगर है। किसान फड़का रोग के नियंत्रण के लिए खेत की समस्त डोर व मेडों पर मेलाथियान 5 प्रतिशत या फेनवेलरेट 0.4 प्रतिशत चूर्ण का भुरकाव 25 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से करे। साथ ही लट से बचाव को क्लोरोपायरीफॉस मिट्टी या बजरी के साथ खेत में फैंक सकते है। सभी किसान सामूहिक रूप से नियंत्रण तो ही इसका उपचार संभव होता है। अन्यथा यह दूसरे खेत में जाकर फसल को नुकसान पहुंचा सकता है।
-पिन्टू लाल मीना, सहायक कृषि अधिकारी

 

यूं बोले किसान:
इस बार बाजरे की बम्पर पैदावार की उम्मीद बंधी थी। लेकिन लट लगने से फसल चौपट हो रही है। कृषि विभाग से मदद की दरकार है।
-लोहड़ेराम मीना, किसान मीना बड़ौदा

 

फड़का रोग बाजरे की फसल की पत्तियों को ही चट कर रहा है। कई किसानों की फसलों को खासा नुकसान हुआ है।
-रामेश्वर भगत, किसान मालियों की चौकी

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