इस धंधे में लगे इन ठेकेदारों का नेटवर्क बड़ा ही व्यवस्थित है। मोटा मुनाफा होने के चक्कर में यह कई लोग मिलकर इस काम को करते हैं। इनमें से कुछ लोग इन अधिकारियों ट्रैक करते हैं और रास्ता साफ होने पर अपने साथियों को गाड़ी निकालने की हरी झंडी देते हैं। सावधानी के तौर पर दो-दो, चार-चार गाडिय़ों का समूह बनाकर इनके आगे पीछे गाडिय़ों से भी यह लोग चलते हैं और रास्ता क्लियर होने पर धौलपुर की सीमा रेखा से बाहर निकाल देते हैं।
अवैध रूप से निकलने वाले पत्थर से भरे ट्रकों के खिलाफ वन विभाग के अधिकारी भी कार्यवाही कर सकते हैं। खनिज विभाग द्वारा लीजों पर निकलने वाले रवन्नाओं पर टीपी (ट्राजिक्ट पास) जारी किए जाते हैं। इस टीपी से यह गाड़ी वैद्य खनिज मानी जाती है। ऐसे में गाडिय़ों को वन विभाग के अधिकारी चेक कर सकते हैं और टीपी ना मिलने पर यह अवैध वन खनिज संपदा मानी जाएगी और वन विभाग भी कार्यवाही कर सकता है।
कल दो कार्यवाही विभाग की ओर से की गई है। धौलपुर में पकड़ी गई गाडिय़ों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। क्षेत्र में जाकर कार्यवाही करने के लिए फोरमैन के नेतृत्व में दल गठित कर दिया गया है।
मनोज मंगल, एमई, धौलपुर