नहर की पटरी टूटी, खेत जलमग्न
धौलपुरPublished: Dec 14, 2019 11:28:23 am
जिले में बुधवार से छाए बादलों के गुरूवार रात को बरसने से जहां सर्दी और बढ़ी है वहीं रबी की फसलों को अच्छा लाभ हुआ है।इस बारिश से जिले में फसलों की सिंचाई के लिए खर्च की जाने वाली लाखों रुपए की बिजली व डीजल की बचत हुईहै।
नहर की पटरी टूटी, खेत जलमग्न
नहर की पटरी टूटी, खेत जलमग्न
जिले भर में हुई बरसात, ठिठुरन बढ़ी
बसेड़ी में हुईसबसे अधिक वर्षा
धौलपुर. जिले में बुधवार से छाए बादलों के गुरूवार रात को बरसने से जहां सर्दी और बढ़ी है वहीं रबी की फसलों को अच्छा लाभ हुआ है।इस बारिश से जिले में फसलों की सिंचाई के लिए खर्च की जाने वाली लाखों रुपए की बिजली व डीजल की बचत हुईहै। जिले की सरमथुरा, बसेड़ी, बाड़ी, सैंपऊ, धौलपुर व राजाखेड़ा तहसीलों सहित समूचे क्षेत्र में बरसात हुईहै। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में सबसे अधिक वर्षा बसेड़ी तहसील क्षेत्र में 28 एमएम दर्ज की गई है जबकि सरमथुरा व बाड़ी में मात्र पांच-पांच एमएम बरसात ही हुईहै। इसी प्रकार सैंपऊ तहसील में जहां 16 एमएम बरसात हुईहै वहीं धौलपुर क्षेत्र में 10 एमएम व राजाखेड़ा में 8 एमएम वर्षा दर्ज की गईहै। जिले में गुरूवार रात को रुक-रुक कर हुईबरसात शुक्रवार को दिन में भी सुबह से ही रुक-रुक कर दो-तीन बार हुई। हालांकि शुक्रवार को दिन में करीब दो बजे कुछ देर के लिए धूप भी खिली। धौलपुर में शुक्रवार को रुक-रुक कर हुई बरसात के साथ हवा भी चली। इससे पूरे जिले में गत दिनों की अपेक्षा सर्दी अधिक महसूस की गई।
सर्दी के कड़े हुए तेवर
बाड़ी. क्षेत्र में दिसम्बर के प्रारम्भ से ही कड़े तेवर दिखा रही सर्दी अपेक्षाकृत और जोर पकडऩे लगी है। सर्दी से बचाव के लिए लोग सुबह-शाम अलाव का सहारा लेने पर मजबूर हैं। कस्बे के लोगों का आरोप है कि कड़ाके की सर्दी होने के बावजूद नगर पालिका ने अभी तक कस्बे में कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की है। क्षेत्र में गुरूवार देर रात हुईवर्षाके बाद से बढ़ी ठंड से भले ही हर वर्ग परेशान है, लेकिन अन्नदाता खुश नजर आ रहा है। इस वर्षा व ठंड से रबी की फसल को काफी लाभ हुआ है। किसानों का कहना है कि रबी की फसलों के लिए सर्दी के साथ ओस का पडऩा भी जरूरी है। क्षेत्र में पड़ रही कड़ाके की सर्दी के बीच करीब एक घंटे तक रिमझिम बारिश हुईहै। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि यह बारिश रबी की फसल के लिए अमृत समान है। इससे गेंहू, सरसों, चना आदि की पैदावार में भी बढ़ोतरी होगी।
सैंपऊ. क्षेत्र के गांव कौलारी के पास शुक्रवार सुबह मुख्य नहर की पटरी टूट जाने से करीब 5 बीघा फसल जलमग्न हो गई जिससे किसानों का नुकसान हो गया। नहर की पटरी टूटने की सूचना किसानों को लगी तो बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंच गए। किसानों ने नहर की पटरी की मरम्मत कर पानी को रोकने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। किसानों ने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी गई लेकिन मौके पर कोई नहीं पहुंचा। नहर की पटरी टूटने से पास ही बनी पोखर में पानी भर गया नहीं तो किसानों को ज्यादा नुकसान होता। किसान थान सिंह ने बताया कि पूर्व में भी विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते गांव के पास ही नहर की पटरी टूट गईथी जिससे काफी नुकसान हुआ था। इन दिनों नहर बंद होने से भी किसानों का नुकसान कम हुआ है। बारिश अधिक होने पर पार्वती बांध से विभागीय अधिकारियों द्वारा रात्रि को ही नहर का पानी बंद करा दिया था। गत रात्रि को बारिश होने से किसानों को नहरी पानी की सिंचाई के लिए जरूरत नहीं थी।