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मनरेगा में चल रहा बाल श्रम, देखकर भी मूकदर्शक बने अधिकारी

locationधौलपुरPublished: May 29, 2020 10:02:12 am

धौलपुर. कहने को नौनिहालों के पोषण व शिक्षा के लिए सरकार की ओर से तमाम योजनाएं बनाई जा रही है, लेकिन धरातल पर इसका असर कितना है इसे देखने वाला कोई नहीं है। हद तो यह है कि सरकार की ही मनरेगा योजना में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

Child labor going on in MNREGA, seeing even officers become mute spect

मनरेगा में चल रहा बाल श्रम, देखकर भी मूकदर्शक बने अधिकारी

मनरेगा में चल रहा बाल श्रम
देखकर भी मूकदर्शक बने अधिकारी
-जिला मुख्यालय के समीपवर्ती गांव दरियापुर का मामला
धौलपुर. कहने को नौनिहालों के पोषण व शिक्षा के लिए सरकार की ओर से तमाम योजनाएं बनाई जा रही है, लेकिन धरातल पर इसका असर कितना है इसे देखने वाला कोई नहीं है। हद तो यह है कि सरकार की ही मनरेगा योजना में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। शहर के समीपवर्ती गांव दरियापुरा में मिट्टी की खुदाई कार्य में महज 10 से 15 साल तक के बच्चों से काम लिया जा रहा है। बच्चों से काम कराने वाले अधिकारी भी जबाव देने से कतराते नजर आ रहे है। वहीं, मनरेगा में काम दिलाए जाने के नाम पर जॉब कार्ड बनाने के एवज में चार सौ रूपए लिया जाना सामने आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि शहर के समीपवर्ती फिरोजपुर ग्राम पंचायत के गांव दरियापुर में मनरेगा के तहत मिट्टी खुदाई का काम चल रहा है। इस कार्य में करीब आसपास के गांव के करीब तीन सौ से अधिक लोग कार्य कर रहे है। यहां पहुंचने पर श्रमिकों की ओर से मिट्टी खुदाई का कार्य किया जा रहा है। इन श्रमिकों में 10 से 15 साल के बच्चे भी भीषण गर्मी में धमेले में मिट्टी भर कर परात में फेंक कर काम करते हुए मिले। बाल श्रमिकों से जब यहां काम करने के बारे में जानकारी जुटाई गई जो यहां मौजूद कुछ लोगों ने बच्चों को भगा दिया। प्रारंभिक जानकारी किए जाने पर काम में लगे बच्चों का स्थानीय गांव के निवासी होना सामने आया है। ये बच्चे अपने परिजन के साथ यहां काम करने के प्रतिदिन आने की बात भी सामने आ रही है। स्थानीय एक महिला श्रमिक ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि जो बच्चे यहां काम करते हुए उन्हें कोई भी अधिकारी व कार्मिक रोकता नहीं है। ऐसे में तेज गर्मी में बच्चे भी काम करने को मजबूर बने रहते है।
देखकर भी मूक दर्शक जिम्मेदार
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम पंचायत फिरोजपुर के गांव दरियापुर के कराये जा रहे मिट्टी खुदाई के कार्य में बाल मजदूरी कराये जाने के मामले की जानकारी यहां नियमित तौर आने पर प्रशासनिक अधिकारियों को तो है, लेकिन वे सबकुछ देखकर मूक है। बाल श्रम के मामले की जानकारी के बाद भी संबंधित पंचायत एवं तकनिकी सहायक पर कार्यवाही नहीं करते हुए बाल मजदूरी को खुली छुट दे दी है।
प्रशासन के दावों को निकला दम
मनरेगा के कार्य के दौरान रोजगार सहायक , पंचायत सचिव , तकनिकी सहायक की उपस्थिति के बाद भी हो रही बाल मजदूरी ने साबित कर दिया हैं कि धौलपुर जिले में प्रशाासनिक व्यवस्था पंगु हो गई है। कोई कुछ भी करे किसी पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होनी है। बाल मजदूरी का शासकीय रिकार्ड में ना होने का हवाला देने वाले अधिकारी मनरेगा के तहत कार्यालयों में जमा होने वाले फोटोग्राफ एवं मस्टर रोल का सूक्ष्म निरीक्षण व जांच करानेे तो अनेक अनियमितता उजागर हो जाएंगी।
पैसे देकर बनता है मनरेगा जॉब कार्ड
महात्मा गांधी नरेगा योजना में श्रमिकों से खुलेआम वसूली किया जाना सामने आ रहा है। महिला श्रमिक ने बताया कि जॉब कार्ड बनवाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति से 400 रुपए वसूल किए जाते है। यह राशि जॉब कार्ड प्राप्त करने वाले श्रमिक की ओर से नकद राशि दी जा रही है। इसके अलावा जिन्हें कार्ड जारी नहीं किया जा रहा है, उन्हें यह कह कर टरकाया जा रहा है कि लॉक डाउन होने के कारण कार्ड नहीं बनाए जा रहे है। इससे पहले भी सैप ऊ क्षेत्र के एक गांव में जॉब कार्ड बनाए जाने के नाम पर पैसे लेने का विडियो भी वायरल हो चुका है। जिसमें जॉब कार्ड बनाने के एवज में एक कार्मिक नकदी राशि लेते हुए दिखाई दे रहा है। ऐसा नहीं कि ग्रामीणों ने इसकी शिकायतें उच्चाधिकारियों से नहीं की हो, लेकिन अधिकारी भी सब कुछ देखकर चुप्पी साधे हुए है। जबकि नियमों के तहत जॉब कार्ड निशुल्क जारी किए जाने के निर्देश है।
इनका कहना
मनरेगा में गाइड लाइन में बालश्रम नहीं है, अगर किसी अपने स्थान पर अपने बच्चे को लगा रखा है, तो उस पर कार्रवाई की जाएंगी। श्रमिकों को जॉब कार्ड जारी करने के कार्य निशुल्क किया जाता है, अगर कहीं से ऐसी शिकायत मिलती है, तुरंत कार्रवाई की जाएंगी।
राकेश कुमार जायसवाल, जिला कलक्टर, धौलपुर

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