जिला मुख्यालय पर करीब-करीब पूरे शहर में सीवर लाइन डली हुई है। जहां छोटी गलियां थीं, वहां पर अमृत योजना के तहत सीवर लाइन डाली जा चुकी है। साथ ही करीब दस से बारह हजार मकानों में कनेक्शन भी कर दिए गए हैं। इसके बाद भी गंदा पानी निकल कर चम्बल में नालों के माध्यम से जा रहा है। इससे सीवर लाइन का औचित्य दिखाई नहीं पड़ रहा है।
नमामि गंगे में शामिल चम्बल
केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नमामि गंगे में चम्बल नदी भी शामिल हैं। इससे आसपास के स्थान को विकसित किया जाएगा। जिससे पानी भी स्वच्छ रहे और लोगों के लिए सहूलियत भी रहे। लेकिन नगरपरिषद को इसका भी ख्याल नहीं है। ऐसे में जहां चम्बल को बचाने के लिए रेत उत्खनन पर भी प्रतिबंध है, उसी नदी में गंदा पानी छोडऩा बहुत गंभीर विषय है।
इनका कहना है
सीवर लाइन में केवल घरों का पानी जाता है। लेकिन सार्वजनिक स्थानों का पानी नालों में जा रहा है। इसके लिए डब्ल्यूटीपी (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) बनाया जाएगा। इसके लिए डीपीआर बनाई जा रही है। इसके बाद नाले को बंद कर दिया जाएगा।
सौरभ जिंदल, आयुक्त, नगरपरिषद, धौलपुर।