20 रेपिड रेस्पोंस टीम का किया गठनमोहल्लावार समितियों के माध्यम से जनजागरुकता अभियान चलाने के निर्देश जिले में कहर बरपा रहा डेंगू व वायरल
गली-गली घूमे कलक्टर, डेंगू प्रभावित इलाकों के जाने हालात
गली-गली घूमे कलक्टर, डेंगू प्रभावित इलाकों के जाने हालात 20 रेपिड रेस्पोंस टीम का किया गठन मोहल्लावार समितियों के माध्यम से जनजागरुकता अभियान चलाने के निर्देश जिले में कहर बरपा रहा डेंगू व वायरल धौलपुर. जिले में कहर ढाह रहे डेंगू व वायरल के बेकाबू होते ही शुक्रवार को जिला कलक्टर खुद डेंगू प्रभावित इलाकों का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान धौलपुर शहर में गली-गली में जाकर लोगों से बीमारों की जानकारी ली। कलक्टर शहर में कच्ची कुई, मिश्रा गली, कुम्हारपाड़ा, इटायपाड़ा, पुराना शहर सहित कई अन्य क्षेत्रों में पहुंचे। मिश्रा गली में डेंगू से पीडि़त बच्चे अंश मिश्रा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने लोगों से घरों के आसपास गंदगी न फैलाने की अपील की। साथ ही कूलर, छत पर रखे सामान में पानी ना भरने देने की नसीहत दी। वहीं कहा कि मोहल्लों की भी सुरक्षा के लिए मोहल्लवावार समितियों के माध्यम से डेंगू के बचाव के संबंध में जागरूकता पैदा की जाए। उन्होंने बताया कि 20 से अधिक रेपिड रेस्पोंस टीम का गठन किया गया है। यह टीम घर-घर डेंगू की जागरूकता एवं बचाव के लिए क्षेत्रों का भ्रमण करेगी। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 14 अक्टूबर को ‘वायरल-डेंगू का गठजोड़, अस्पताल में क्षमता से तीन गुना मरीज भर्ती’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके तुरंत बाद गुरुवार को जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने चिकित्सा अधिकारियों की बैठक लेकर स्थिति का जायजा लिया। इधर, जिला कलक्टर ने कहा कि बीमार होने के बाद चिकित्सक तो इलाज कर ही रहे हैं, लेकिन आवश्यकता इस बात की है कि लोग बीमारी की चपेट में नहीं आए। इसलिए लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी है। इसके लिए ही चिकित्सकीय अधिकारियों की टीमों का गठन किया है। साथ ही मोहल्लावार समितियों का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि टीम अभियान चलाकर बुखार के रोगी को तुरंत उपचार दिलाएंगी। वहीं उन्होंने अप्रशिक्षित चिकित्सकों से उपचार नहीं लेने की बात कही। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. गोपाल प्रसाद गोयल, एसडीएम भारती भारद्वाज, तहसीलदार भागवत शरण त्यागी सहित अन्य चिकित्सक व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। ऐसे करें बचाव
टूटे बर्तन और टायरों में पानी जमा न होने दें। खुले में सोने से बचें। खून की जांच सरकारी अस्पताल व पंजीकृत पैथोलॉजी पर ही कराएं। घर में कीटनाशक दवाएं छिडक़ें। बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं, जिससे उनके हाथ पांव पूरी तरह से ढके रहे। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर भगाने वाली दवाइयों व वस्तुओं का प्रयोग किया जाए। धौलपुर. शहर के एक मोहल्ले में दौरा करते जिला कलक्टर व अन्य अधिकारी।