धौलपुर

अनलॉक एक में कोरोना हुआ ‘अनलॉक’ एक माह में ही दस गुना वृद्धि

धौलपुर. केन्द्र सरकार की ओर से एक जून से शुरू किए अनलॉक प्रथम फेज के दरम्यिान एक माह में जिले में कोरोना भी ‘अनलॉकÓ हो गया। इसका मुख्य कारण यह रहा है कि जिला चार तरफ से हॉटस्पॉट क्षेत्रों से घिरा हुआ है। इसमें प्रमुख रूप से भरतपुर, उत्तरप्रदेश का आगरा तथा मध्यप्रदेश का मुरैना जिले सहित बयाना भी धौलपुर के लिए हमेशा

धौलपुरJul 03, 2020 / 10:42 am

Naresh

अनलॉक एक में कोरोना हुआ ‘अनलॉक’ एक माह में ही दस गुना वृद्धि

अनलॉक एक में कोरोना हुआ ‘अनलॉक’ एक माह में ही दस गुना वृद्धि
सुपर स्पे्रडरों की भी समय से की गई पहचान

धौलपुर. केन्द्र सरकार की ओर से एक जून से शुरू किए अनलॉक प्रथम फेज के दरम्यिान एक माह में जिले में कोरोना भी ‘अनलॉकÓ हो गया। इसका मुख्य कारण यह रहा है कि जिला चार तरफ से हॉटस्पॉट क्षेत्रों से घिरा हुआ है। इसमें प्रमुख रूप से भरतपुर, उत्तरप्रदेश का आगरा तथा मध्यप्रदेश का मुरैना जिले सहित बयाना भी धौलपुर के लिए हमेशा चिंता का विषय बने रहे। जहां लॉकडाउन में कोरोना भी जिले में लॉक रहा, वहीं अनलॉक एक शुरू होते ही कोरोना ने खुलेआम प्रवेश करना शुरू कर दिया। स्थिति यह हो गई अन्तरराज्यीय सीमाओं से निर्बाध आवागमन शुरू हो गया। ऐसे में धौलपुर के व्यापारियों का निरंतर आवागमन आगरा व मुरैना में बना रहा। इसका नतीजा रहा कि जहां तीन माह में कोरोना के मात्र 62 केस थे, वहीं अनलॉक शुरू होते ही कोरोना तेजी से पसर गया। जून माह के शुरू के दस दिनों में व्यापारिक गतिविधियों के चलते लोगों को आवागमन बना तो धीरे-धीरे संक्रमण धौलपुर में घुस गया और चेन बना ली। इस कारण ही जिले में कोरोना की बेहताशा वृद्धि हुई और एक माह में 62 से बढ़कर यह संख्या 30 जून तक 663 तक पहुंच गई।
रेण्डम सर्वे से हुआ संक्रमण का खुलासा

अनलॉक शुरू होते ही एक जून से दस जून के बीच मात्र 11 केस आए। लेकिन जिला प्रशासन ने नई रणनीति के तहत कार्य किया, क्योंकि जिला हॉटस्पॉट क्षेत्रों से घिरा हुआ था और निरंतर लोगों का आवागमन भी बना रहा। इसके चलते जिला मुख्यालय सहित बाड़ी, बसेड़ी, सरमथुरा में दुकानदारों, सब्जी विक्रेताओं, दूधिया, फल विक्रेता, नाई, हलवाइयों की रेण्डम सैम्पलिंग कराई गई। इससे सबसे पहला खुलासा धौलपुर में सब्जी मण्डी स्थित रेडिमेड गारमेंटर के दुकानदार का हुआ। इसमें एक ही व्यक्ति से 22 जनों की चेन बन गई। इसके बाद राजाखेड़ा व बाड़ी में भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया और वहां भी परिजनों तथा सम्पर्क वालों में कोरोना संक्रमण का पता चला। शुरू में कोरोना संक्रमण के फैलाव का पता चलने से फायदा यह हुआ कि अधिकांश लोग बिना लक्षण वाले थे। जिससे जिले में घातकता वाली स्थिति पैदा नहीं हो पाई। इसके बाद चिकित्सा विभाग ने और अधिक सैम्पलिंग पर जोर दिया। ऐसे में जहां पहले 200 से 250 के मध्य सैम्पलिंग हो रही थी, वहीं इसे बढ़ाकर दोगुनी कर दिया गया। इससे कोरोना संक्रमण का अंदाजा हुआ और लोगों की समय रहते पहचान कर ली गई।
स्वाथ्यकर्मी, जवान भी निकले संक्रमित

जिले में कोरोना सैम्पलिंग बढऩे के चलते स्वास्थ्य एवं पुलिस सेवा जुड़े कर्मचारियों में भी संक्रमण का पता चल गया। इससे उन्हें ठीक समय पर उपचार कर दिया गया। वरना यह संक्रमण और बढ़ सकता था। इस कारण जिले में संख्या में तो इजाफा हुआ, लेकिन कोरोना खतरनाक स्टेज पर नहीं पहुंच गया। यही कारण रहा कि अधिकांश मरीजों को होम आइसोलेट कर उपचार दिया गया।
रिकवरी भी 50 प्रतिशत पहुंची

जिले में मिलने वाले कोरोना संक्रमितों में लक्षण नहीं होने के कारण रिकवरी दर भी अच्छी हो गई। यही कारण रहा कि अब तक 50 प्रतिशत यानी 355 मरीज स्वस्थ हो गए हैं। जिले से मात्र आधा दर्जन लोगों को ही गंभीर स्थिति के चलते जयपुर रैफर किया गया है। इनमें भी अधिकांश वृद्ध शामिल हैं।

डब्ल्यूएचओ टीम ने भी किया दौरा
जिले में एकाएक बढ़ते कोरोना केस प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गए। इसे देखते हुए स्वास्थ्य निदेशक तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने भी जिले का दौरा किया। साथ ही संक्रमण के प्रमुख कारणों का पता किया। इसमें सामने आया कि जिले से जुड़े हॉटस्पॉट इलाकों में निरंतर आवागमन के कारण यह स्थिति बनी हुई है। वहीं प्रवासी व्यक्तियों के आगमन के कारण भी संक्रमण के फैलाव में वृद्धि हुई है।
इनका कहना है

जिले में अनलॉक फेज में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है। लेकिन इनकी रेण्डम सैम्पलिंग कर समय से ही पहचान कर ली गई थी। जिससे संक्रमितों की संख्या में तो इजाफा हुआ, लेकिन घातकता नहीं बढ़ी। जबकि मुरैना में अधिकांश लक्षण वाले मरीज निकल कर सामने आ रहे हैं। इनमें से भी वेंटीलेटर पर जा रहे हैं। जिले की रणनीति सफल रही है, इससे कोरोना नियंत्रण में है और रिकवरी भी अच्छी है।
राकेश कुमार जायसवाल, जिला कलक्टर, धौलपुर।
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