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कोरोना का उतार, पहले पखवाड़े में ही मनरेगा में श्रमिक आठ हजार पार

locationधौलपुरPublished: Jun 04, 2021 07:23:51 pm

Submitted by:

Naresh

धौलपुर. कोरोना की मार के बेरोजगार हुए ग्रामीण मनरेगा के तहत शुरू हुए पहले पखवाड़े में ही कार्य के लिए उमड़ पड़े हैं। एक माह से थमे मनरेगा अब कार्य धीरे-धीरे पटरी पर आने लगे हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में हालांकि राज्य

 Corona's downfall, workers cross eight thousand in MNREGA in the first fortnight

कोरोना का उतार, पहले पखवाड़े में ही मनरेगा में श्रमिक आठ हजार पार

कोरोना का उतार, पहले पखवाड़े में ही मनरेगा में श्रमिक आठ हजार पार

धौलपुर. कोरोना की मार के बेरोजगार हुए ग्रामीण मनरेगा के तहत शुरू हुए पहले पखवाड़े में ही कार्य के लिए उमड़ पड़े हैं। एक माह से थमे मनरेगा अब कार्य धीरे-धीरे पटरी पर आने लगे हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में हालांकि राज्य सरकार ने गत 24 मई से कार्य शुरू कर दिए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते कम ही श्रमिक आ पा रहे थे, लेकिन अब एक जून से शुरू हुए नए पखवाड़े में श्रमिकों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। नए पखवाड़े में तीन जून का श्रमिकों का आंकड़ा 8177 पर पहुंच गया है।
इससे ग्रामीणों को भी रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ रहा है। वहीं अब रबी की फसल कटने के कारण अधिकांश ग्रामीण भी ठाले हैं। इस कारण मनरेगा में मजदूरी के लिए आगे आ रहे हैं। इसमें प्रवासी श्रमिकों को भी रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
यह हो रहे प्रमुख कार्य
गर्मी आने के साथ ही आगामी बारिश के मौसम को देखते हुए जल संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। किसी पंचायत समिति में चैक डेम बनवाया जा रहा है तो किसी में पानी भरने के लिए चौकड़ी खोदी जा रही है। वहीं सिंचाई विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग तथा वन विभाग की ओर से भी पौधरोपण, तालाब, ग्रेवल सडक़ निर्माण कार्य भी कराए जा रहे है। इससे ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध होना शुरू हो गया था।
कोरोना गाइड लाइन का पालन
मनरेगा कार्य स्थलों पर कोरोना गाइड लाइन का भी ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए पंचायत के कार्मिक भामाशाह व स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से मास्क, सैनिटाइजर, साबुन आदि उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करने को कहा गया है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए भी कार्मिकों को जिम्मेदारी सौंप रखी है।
यह है स्थिति
जिले में पांच ब्लॉक में कुल 191 ग्राम पंचायतें हैं। जिले में बाड़ी, बसेड़ी, धौलपुर, राजाखेड़ा तथा सैंपऊ ब्लॉक है। इनमें सबसे अधिक पंचायत बसेड़ी में 50 पंचायतों में से 46 में, सैंपऊ में 39 में से 30, बाड़ी में 35 में से 33 धौलपुर में 35 में से 35 तथा राजाखेड़ा मेंं 32 में से 35 पंचायतों में पंचायतों में कार्य चल रहे हैं। कुल 176 ग्राम पंचायतों में कार्य शुरू हो गए हैं। इनमें 645 मस्टररोल पर 8177 श्रमिक कार्य कर रहे हैं।
ब्लॉक वार श्रमिकों की स्थिति

ब्लॉक श्रमिक (2 जून) श्रमिक (3 जून)
बाड़ी 1287 1238
बसेड़ी 2053 2103
धौलपुर 1292 1553
राजाखेड़ा 2055 2078
सैंपऊ 1028 1205
कुल 7715 8177

इनका कहना है

जिले में वैसे तो 24 मई से कार्य शुरू हो गए थे, लेकिन श्रमिक नहीं आ रहे थे। वैसे भी अधूरा पखवाड़ा था, लेकिन एक जून से शुरू हुए पखवाड़े में श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। अधिकारियों को इसके लिए लगातार निर्देश जारी किए गए हैं कि पंचायतों में अधिकाधिक कार्य स्वीकृत कर श्रमिकों को नियोजित किया जाए, जिससे उनको समय पर रोजगार मिल सके। जिले में तीन जून तक 8177 श्रमिक कार्यरत है। कार्यों पर कोरोना गाइड लाइन का भी पूरी तरह ध्यान रखा जा रहा है। अधिकांश कार्य जलंसरक्षण की दृष्टि से किए जा रहे हैं।
चेतन चौहान, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, धौलपुर।

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