धौलपुर. आखिरकार जिले के चार अभयारण्यों में जलीय पक्षियों की गणना शुरू हो गई है। हालांकि मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत आस-पास के जिलों में यह गणना पूर्व में ही पूरी हो चुकी है। धौलपुर में वन विभाग को अब गणना कराने की सुध आई है। इस संबंध में पत्रिका ने 24 जनवरी को ‘जिले में कितने मेहमान, वन विभाग ऑफिस में बैठे ही लगा रहा अनुमान’ शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद चंबल राष्ट्रीय अभयारण्य क्षेत्र के चंबल नदी, वन विहार, रामसागर और केसरबाग अभयारण्यों में जलीय पक्षियों की गणना शुरू कर दी है। वहीं, जिले में वन विभाग की ओर से एक फरवरी से जलीय पक्षी गणना कराई जाएगी।पहले दिन दिखीं 20 प्रजातियां चंबल राष्ट्रीय अभयारण्य की टीम ने शुक्रवार को पहले दिन वन विहार और सेवर-पाली क्षेत्र में जलीय जीव गणना की। इस दौरान टीम को करीब 20 प्रजातियों के पक्षी दिखे हैं। इनमें लिटिल हैरोन, नाइट हैरोन, ग्रे हैरोन, मिनीबैट, पेंटेड स्टार्क, ग्रीव, कॉमन मूर हैन, सेंडपाइपर, किंगफिशर, लाक्र्स आदि शामिल हैं। शनिवार को नाव द्वारा चंबल नदी क्षेत्र में जलीय पक्षी गणना की जाएगी। इसी के साथ घडिय़ाल और मगर की भी गणना की जाएगी। शुक्रवार को वनविहार क्षेत्र में चार मगर भी पाए गए।वन विभाग 1 फरवरी से करेगा गणनाउधर, जिले के अन्य जलस्रोतों पर वन विभाग धौलपुर की ओर से एक फरवरी से जलीय पक्षी गणना कराई जाएगी। फिलहाल जिले में डीएफओ का अतिरिक्त कार्यभार करौली डीएफओ सुमित बंसल के पास है। ऐसे में पूर्णकालिक डीएफओ नहीं होने से विभाग के काम यहां प्रभावित हो रहे हैं। फरवरी में होगी घडिय़ाल गणनाचंबल नदी में घडिय़ालों की अलग से गणना फरवरी माह में की जाएगी। इसके लिए मध्यप्रदेश् और राजस्थान दोनों राज्यों की टीमें संयुक्त रूप से गणना करेंगी। दो फरवरी तक गणनाचंबल राष्ट्रीय अभयारण्य के क्षेत्रों में जलीय पक्षी गणना दो फरवरी तक चलेगी। वन विभाग धौलपुर की गणना एक फरवरी से शुरू होगी। दोनों के पूरे होने पर ही जिले में कितने जलीय पक्षी है यह सामने आ सकेगा। इसके साथ ही यह भी पता चल पाएगा कि इस बार प्रवासी पक्षियों की संख्या घटी है अथवा बढ़ी है।जिले में आते रहे हैं यह प्रवासी पक्षी धौलपुर और आसपास के अभयारण्यों में अक्टूबर से ही प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है। साइबेरिया, यूरोपीय देशों से लेकर मंगोलिया और हिमालय तक से हजारों की संख्या में पक्षी यहां आते हैं। संकटग्रस्त पक्षियों की सूची में शामिल 29 प्रजातियों के पक्षी यहां दिख रहे हैं। लुप्तप्राय पक्षी सारस क्रेन, ग्रेटर-स्पोटिड ईगल, रिवर टर्न यहां देखे गए हैं। जबकि संकटग्रस्त ब्लैक-हेडेड आईबिस, रिवर लेपविंग, ओरिएंटल डार्टर, डालमेशन पेलिकन और ब्लैक-नेक्ड स्टार्क भी यहां पहुंच गए हैं।गंभीर संकटग्रस्त पक्षी भी आएगंभीर संकटग्रस्त में शामिल प्रवासी पक्षी इंडियन स्कीमर, ब्लैक-बेल्ट टर्न और जनसंख्या में गिरावट वाला पक्षी इजिप्शियन वल्चर धौलपुर और आसपास के इलाकों में पहुंच चुके हैं। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेेशन आफ नेचर (आइयूसीएन) की सूची में शामिल दुलर्भ प्रजातियों के पक्षियों ने चंबल सेंचुरी, रामसागर बांध, हुसैनपुर बांध, निभी, आंगई बांध आदि स्थानों पर बसेरा कर लिया है।पांच से सात हजार पक्षी होने का अनुमानपक्षीप्रेमियों का अनुमान है कि टेल टिंगो, प्लेसिस गल, ब्लैक नेक्ड स्टार्ड, ब्लैक आइविस, विसलिंग टील, रूडी शेल्डक, पेंटेड स्टोर्क, कार्बोनेट, बारहेडेड गूज समेत दो दर्जन से अधिक प्रजातियों के करीब पांच से 7 हजार विदेशी पक्षी जिले मेें डेरा डाले हुए हैं।इनका कहना हैवन विभाग की ओर से एक फरवरी से जलीय पक्षी गणना शुरू कराई जाएगी।- सुमित बंसल, डीएफओ करौली, अतिरिक्त कार्यभार धौलपुरवनविहार, केसरबाग, रामसागर और चंबल क्षेत्र में दो फरवरी तक पक्षियों की गणना की जाएगी। पक्षियों के संरक्षण के लिए इस गणना का खासा महत्व है।- राजीव तोमर, मानद वन्यजीव प्रतिपालक, धौलपुर