धौलपुर जिले के लिए डांग अभी तक अभिशाप बनी हुई है, क्योंकि इसका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा, लेकिन डांग के सेवर घाट पर पड़ा अधूरा चंबल पुल पूरा होने जा रहा है। ऐसे में एमपी जाने के लिए एक नया रास्ता मिलेगा। कैलारस, सबलगढ़, विजयपुर, श्यामपुर, जोरा जैसे कस्बों से सीधा संपर्क जुड़ेगा, जो एक मायने में व्यापार को भी शुरू कराएगा। ऐसे में डांग का विकास होना स्वभाविक है। हो सकता है कि डांग की मिटटी में कोई कल कारखाने स्थापित हो जाए तो डांग की दशकों पुरानी दस्यु समस्या भी समाप्त हो जाएगी।
मुकेश सिंघल अग्रोहा, जिला अध्यक्ष अग्रवाल महासमिति, धौलपुर।
मुन्नालाल मंगल, जिला अध्यक्ष स्टोन पॉलिशर्स संघ धौलपुर
बाड़ी के सेवर पुल की स्वीकृति मिलना वास्तव में डांग के विकास के लिए स्वीकृति मिलना है। जिस डांग में जाने से लोग भयभीत होते हैं, वहां पुल बनने पर नया रास्ता बनेगा। एमपी से जुड़े लोगों को और हमें एमपी जाने के लिए आदि दूरी तय करनी पड़ेगी। ऐसे में व्यापार भी बढ़ेगा और यातायात के वाहन भी चलेंगे। निश्चित ही डांग में कई जगह ऐसी फैक्ट्रियां स्थापित होंगी, जो उसके विकास की धुरी बनेगी।
संजय गोयल , पूर्व अध्यक्ष, व्यापार संघ बाड़ी।
जब हम पढ़ते थे, तब सेवर पुल, रिंग रोड जैसे मुद्दे चर्चा में आते थे, लेकिन यह कहा जाता था कि इनको बनाना सपने जैसा है। लेकिन आज यह सपने पूरे होते दिखाई दे रहे हैं। अगर संघर्ष लगातार करें, तो वह सच किया जा सकता है। अब रिंग रोड और सेवर पुल यह दो विकास के लिए एक नए आयाम लिखने जा रहे हैं।
रूबी पहाडिय़ा, सरपंच, धन्नुपुरा, बाड़ी।
रोहित मंगल, फाउंडर रक्तदान ग्रुप, बाड़ी।