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भक्ति से भरा है दिसंबर, वर्ष के अंतिम महीने में हैं अनेक व्रत-त्योहार

locationधौलपुरPublished: Dec 05, 2021 07:47:21 pm

Submitted by:

Naresh

– विनायक चतुर्थी आज
– इस माह विवाह पंचमी, प्रदोष व्रत, संकष्टी चतुर्थी समेत अनेक धार्मिक आयोजन

December is full of devotion, there are many fasting festivals in the last month of the year.

भक्ति से भरा है दिसंबर, वर्ष के अंतिम महीने में हैं अनेक व्रत-त्योहार

भक्ति से भरा है दिसंबर, वर्ष के अंतिम महीने में हैं अनेक व्रत-त्योहार

– विनायक चतुर्थी आज

– इस माह विवाह पंचमी, प्रदोष व्रत, संकष्टी चतुर्थी समेत अनेक धार्मिक आयोजन

धौलपुर. वर्ष का अंतिम महीना दिसंबर धार्मिक आयोजनों से भरा है। इस महीने कई व्रत-त्योहार आने वाले हैं। दिसंबर में मार्गशीर्ष मास की विनायक चतुर्थी, विवाह पंचमी, धनु संक्रांति, संकष्टी चतुर्थी, मोक्षदा एकादशी जैसे अनेक व्रत-त्योहार हैं।
आज विनायक चतुर्थी

विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। इस दिन व्रत रखा जाता है और दोपहर के समय गणेशजी की पूजा होती है। शाम के समय चंद्रमा का दर्शन नहीं किया जाता है, क्योंकि ऐसा करने से मिथ्या आरोप लगते हैं। माना जाता है कि विनायक चतुर्थी के दिन गणेशजी को दूर्वा अर्पित करने वे प्रसन्न होते हैं। उनको मोदक भी प्रिय है, इसका भोग भी लगाया जाता है।
08 दिसंबर: विवाह पंचमी

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी है। मान्यता है कि भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को हुआ था। इस वजह से हर वर्ष इस तिथि को विवाह पंचमी या श्रीराम विवाहोत्सव मनाया जाता है। इस दिन अयोध्या और जनकपुर में विशेष तैयारियां होती हैं और रामजी की बारात निकाली जाती है। वहीं, इस दिन नाग दिवाली भी मनाई जाती है। उत्तराखंड के चमोली जिले में नाग दिवाली का आयोजन बड़े स्तर पर होता है। इस दिन नागों की पूजा का विधान है।
14 दिसंबर: मोक्षदा एकादशी

मोक्षदा एकादशी को प्रलोभन का नाश करने वाली एकादशी माना जाता है। कहते हैं जो कोई भी व्यक्ति मोक्षदा एकादशी के व्रत का पालन करता है और इस दिन विधि पूर्वक पूजा करता है, ऐसे व्यक्तियों के पूर्वजों को उनके कर्मों से मुक्ति मिलती है।
16 दिसंबर: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)

प्रदोष व्रत चंद्र पखवाड़े के 13वें दिन पड़ता है। यह बेहद पवित्र हिंदू व्रत है और भगवान शिव को समर्पित होता है। कहते हैं इस व्रत को करने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होती है और जीवन में सफलता प्राप्त अवश्य होती है।
15 दिसंबर: धनु संक्रांति

धनु संक्रांति नौवें महीने की शुरुआत मानी जाती है और उस दिन का प्रतीक मानी गई है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है। भक्त इस दिन योगेश्वर भगवान की पूजा करते हैं।
19 दिसंबर: मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
मार्गशीर्ष माह के दौरान शुक्ल पक्ष में पडऩे वाली पूर्णिमा को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग व्रत करते हैं। माना जाता है इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
22 दिसंबर: संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी प्रत्येक माह में मनाया जाने वाला एक पवित्र व्रत होता है। कहा जाता है कि इस दिन जो कोई भी भक्त परम भक्ति, समर्पण और विधान से विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करते हैं, उन्हें स्वास्थ्य, धन और जीवन में खुशियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
30 दिसंबर: सफला एकादशी
पौष मास के कृष्ण पक्ष के दौरान आने वाली एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि सफला एकादशी का व्रत और उपवास करने से भक्तों को जीवन में सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
31 दिसंबर: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
प्रदोष व्रत बेहद शुभ फलदाई और पवित्र हिंदू व्रत माना जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और बहादुरी, साहस, निर्भयता, और जीत का प्रतीक माना गया है।
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