धौलपुर

देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को, चार महीने वर्जित रहेंगे शुभ कार्य

– भगवान विष्णु के निद्रा में जाने की है मान्यता
धौलपुर. आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन से ही भगवान विष्णु शयनकाल में चले जाते हैं इसलिए इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं।

धौलपुरJul 02, 2022 / 07:51 pm

Naresh

देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को, चार महीने वर्जित रहेंगे शुभ कार्य

देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को, चार महीने वर्जित रहेंगे शुभ कार्य
– भगवान विष्णु के निद्रा में जाने की है मान्यता

धौलपुर. आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन से ही भगवान विष्णु शयनकाल में चले जाते हैं इसलिए इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। देवशयनी एकादशी को पद्मा एकादशी, आषाढ़ी एकादशी और हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। मान्यता है इस एकादशी के बाद से चार महीने के लिए भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं। चार महीने की इस अवधि को चतुर्मास कहते हैं। इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
देवशयनी एकादशी रविवार, जुलाई 10, 2022 को
एकादशी तिथि प्रारम्भ – 9 जुलाई को शाम 04 बजकर 39 मिनट पर शुरू
एकादशी तिथि समाप्त – 10 जुलाई को शाम 02 बजकर 13 मिनट पर खत्म
पारण का समय- 11 जुलाई को सुबह 05 बजकर 56 मिनट से 08 बजकर 36 मिनट तक
देवशयनी एकादशी पूजा विधि
मचकुंड स्थित लाड़ली जगमोहन मंदिर के महंत कृष्णदास ने बताया कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद पूजा वाली जगह की अच्छी तरह से सफाई कर लें। भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, पीले फूल, पीला प्रसाद और पीला चंदन अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णु को पान, सुपारी चढ़ाएं। फिर भगवान विष्णु के आगे दीप जलाएं और पूजा करें। देवशयनी एकादशी के दिन पहले भगवान विष्णु को शयन कराएं उसके बाद ही खुद सोएं।
देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को, चार महीने वर्जित रहेंगे शुभ कार्य

Devshayani Ekadashi on July 10, auspicious work will be prohibited for four months

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