scriptकोरोना महामारी के चलते धौलपुर जिले का पत्थर व्यवसाय चौपट होने के कगार पर | Dholpur district's stone business on the verge of collapse due to Coro | Patrika News

कोरोना महामारी के चलते धौलपुर जिले का पत्थर व्यवसाय चौपट होने के कगार पर

locationधौलपुरPublished: Sep 23, 2020 05:35:12 pm

Submitted by:

Naresh

बाड़ी. धौलपुर जिले का रेड डायमंड उर्फ धौलपुर स्टोन की हालत इन दिनों बदहाल है। पत्थर पर लगने वाले टैक्स के साथ व्यापार की मांग ना निकलने के कारण पत्थर व्यवसाय धीरे धीरे खत्म होता जा रहा है। लगातार बढ़ते टैक्स और कोरोना महामारी के चलते भी इस धंधे को ग्रहण लगा है। जिसको लेकर स्टोन पॉलिशर्स एसोसिएशन जिला अध्यक्ष मुन्नालाल मंगल के नेतृत्व में पत्थर व्यापारियों ने एक पत्र मुख्यमंत्री को भेजा है। धौलपुर सेंड स्टोन को लेकर सहयोग की मांग की है।

 Dholpur district's stone business on the verge of collapse due to Corona epidemic

कोरोना महामारी के चलते धौलपुर जिले का पत्थर व्यवसाय चौपट होने के कगार पर

कोरोना महामारी के चलते धौलपुर जिले का पत्थर व्यवसाय चौपट होने के कगार पर
-20 हजार परिवारों के भरण पोषण की चिंता
-पत्थर व्यापारियों ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
बाड़ी. धौलपुर जिले का रेड डायमंड उर्फ धौलपुर स्टोन की हालत इन दिनों बदहाल है। पत्थर पर लगने वाले टैक्स के साथ व्यापार की मांग ना निकलने के कारण पत्थर व्यवसाय धीरे धीरे खत्म होता जा रहा है। लगातार बढ़ते टैक्स और कोरोना महामारी के चलते भी इस धंधे को ग्रहण लगा है। जिसको लेकर स्टोन पॉलिशर्स एसोसिएशन जिला अध्यक्ष मुन्नालाल मंगल के नेतृत्व में पत्थर व्यापारियों ने एक पत्र मुख्यमंत्री को भेजा है। धौलपुर सेंड स्टोन को लेकर सहयोग की मांग की है।
धौलपुर जिले में खनिज व पत्थर व्यवसाय से करीब 20 हजार परिवारों का भरण पोषण होता हैं। कृषि व दूध के डेयरी के बाद पत्थर ही व्यापार का प्रमुख भाग है। जिले भर में पत्थर की करीब 200 गैंगसा यूनिट, 50 के करीब स्पीडिंग प्लांट, 200 के करीब कट्टर मशीन तथा 150 माइंस लीज है। यहां पर पिछले वर्ष रफ ब्लॉक पर 155 टन की रॉयल्टी थी, लेकिन खनिज विभाग की भूल के कारण 155 टन की जगह 240 रुपए टन की राशि वसूल की जा रही है। वह अनुचित और अव्यवहारिक है, जिसकी शिकायत के बाद भी सुधार नहीं किया जा रहा है।
वर्ष 2011 में सेलटैक्स वेट 12 प्रतिशत था। उस समय रायल्टी में पत्थर का वेट समाहित कर दिया था। उस समय रायल्टी की दरें 90 टन से ब?ाकर 155 टन कर दी थी। सरकार की भूलवश के कारण 155 रुपए टन की जगह 240 रुपए प्रति टन रफ ब्लॉकों पर रायल्टी वसूल की जा रही है।
कोरोना महामारी के कारण पिछले 6 माह से यह व्यापार बुरी तरह मंदी की चपेट में आ गया है। मंदी के कारण कारीगर, मजदूर तथा व्यापारी दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे है। स्टोन पोलिशर्स एसोएिसशन जिलाध्यध मुन्नालाल मंगल का कहना है कि अगर जिले के व्यापारी एक नहीं हुए तो चम्बल के बीहड़ों में बागी फिर से बन्दूकें उठाने लगेंगे। भूखे मरने की नौबत आ जाएंगी। अब राजस्थान सरकार खनिज पर 20 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत की रॉयल्टी बढ़ाने जा रही है। वह जिले के पत्थर व्यवसायी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा से मिले है। उन्होंने रायल्टी कम करने का आश्वसन दिया है। स्टोन एसोशियन महामंत्री रामवरन शर्मा ने कहा है कि जिले में बेरोजगारी बहुत बढ़ी हुई है। लोग आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे है। इनको तुरन्त प्रभाव से रोका जाए। वरिष्ठ उपाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने कहा है कि लोग कोरोना महामारी के बाद बेहद तनाव तथा निराशा में डूबे हुए है। दो बार खनिज मंत्री प्रमोद जैन भाया को ज्ञापन दे चुके हैं कि तुरन्त रायल्टी की दरों को कम किया जाए। सैंड स्टोन पर पहले से ही ज्यादा रेट है। जिले में रायल्टी दरें नहीं बढ़ाई जाए
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