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कामकाज में फिसड्डी साबित धौलपुर पुलिस, प्रदेश में 37वां स्थान

locationधौलपुरPublished: Feb 25, 2020 12:14:32 pm

Submitted by:

Naresh

धौलपुर. पुलिस मुख्यालय की ओर से जिला पुलिस की प्रतिमाह कामकाज को लेकर किए जाने वाले मूल्यांकन यानी पीएमएस रिपोर्ट में धौलपुर की स्थिति सबसे खराब साबित हुई है। दिसम्बर 2019 की रिपोर्ट में धौलपुर की रैंक प्रदेश में 37वीं और नीचे से पांचवे स्थान पर आई है। इसमें कोटा ग्रामीण प्रथम और बांसवाडा जिला द्वितीय व डूंगरपुर तीसरे स्थान पर रहा है।

Dholpur police proved to be laggards in work, 37th in the state

कामकाज में फिसड्डी साबित धौलपुर पुलिस, प्रदेश में 37वां स्थान


कामकाज में फिसड्डी साबित धौलपुर पुलिस, प्रदेश में 37वां स्थान


रेंज के दूसरे जिलों की स्थिति भी डांवाडोल
भरतपुर 36 और सवाईमाधोपुर 27वे स्थान पर
पीएमएस रिपोर्ट

धौलपुर. पुलिस मुख्यालय की ओर से जिला पुलिस की प्रतिमाह कामकाज को लेकर किए जाने वाले मूल्यांकन यानी पीएमएस रिपोर्ट में धौलपुर की स्थिति सबसे खराब साबित हुई है। दिसम्बर 2019 की रिपोर्ट में धौलपुर की रैंक प्रदेश में 37वीं और नीचे से पांचवे स्थान पर आई है। इसमें कोटा ग्रामीण प्रथम और बांसवाडा जिला द्वितीय व डूंगरपुर तीसरे स्थान पर रहा है। वहीं, भरतपुर रेंज के अन्य जिलों की बात करें तो सबसे बड़ा जिला भरतपुर की रैंक 36वीं रही है। जबकि रेंज में सवाईमाधोपुर जिले की स्थिति थोड़ी ठीक है, उसकी रैंक 27 और करौली जिले की 30वीं रही है।
इस पीएमएस रिपोर्ट में धौलपुर जिले के मार्कस माइनस 58.77 फीसदी रहे हैं। जबकि भरतपुर जिले की माइनस 57.53 फीसदी रही है। वहीं, सवाईमाधोपुर जिले को माइनस 38.49 और करौली को माइनस 44.20 फीसदी स्कोर रहा है। जबकि रेंज अधिकारी डीआइजी की परीक्षा में दोनों जिले पास हुए हैं। रेंज आईजी की ओर से 10 नम्बर हैं, जो दोनों जिलों को 10-10 मिले हैं। वहीं, एडीजीपी स्तर के अधिकारी की ओर से 5 अंक में से दोनों जिलों को 3-3 अंक मिले हैं। इसमें सिरोही समेत दो अन्य जिलों को पूरे 5 अंक मिले हैं।
कोटा ग्रामीण प्रथम व बांसवाडा द्वितीय
पीएमएस की दिसम्बर 2019 की जारी सूची में पहले स्थान पर कोटा ग्रामीण और दूसरे पर बांसवाडा जिला रहा है। जबकि तीसरा स्थान डूंगरपुर ने प्राप्त किया है। वहीं, चौथा स्थान प्रतापगढ़, 5वां बूंदी, 6वां राजसमंद, 7वां हनुमानगढ़, 8वां उदयपुर, 9वां सिरोही और 10वे स्थान पर झालावाडा जिला रहा है।
टॉप में रहने वाले ज्यादातर छोटे जिले
सूची में टॉप दस में रहने वाले ज्यादातर जिले छोटे हैं। इसमें केवल कोटा ग्रामीण व उदयपुर का क्षेत्रफल और थानों के लिहाज से संख्या अधिक है। वहीं, टॉप रहने वाले ज्यादातर जिलों में सालभर में होने वाला रजिस्ट्रेशन की संख्या भी कम है। जबकि भरतपुर रेंज के अकेले भरतपुर जिले में हर साल से करीब 13 हजार मुकदमे दर्ज होते हैं। रेंज में भरतपुर उत्तरप्रदेश व हरियाणा से लगा जिला होने से संवदेनशील है और अपराधिक वारदातें भी रेंज के अन्य जिलों से अधिक हैं। जबकि धौलपुर व करौली जिले छोटे हैं। इसमें धौलपुर में चंबल की अवैध प्रतिबंधित बजरी का खनन व परिवहन पर रोक लगाने में पुलिस पूरी तरह से फेल साबित हुई है। कई मामलों में तो स्थिति बिगड़ गई और फायरिंग में मौत हो चुकी हैं। वहीं, लूट व चोरी की बढ़ी वारदातों से भी रैकिंग में गिरावट आई है।
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