बाढ़ पीडि़तों के जख्मों पर मरहम का प्रयास
धौलपुरPublished: Sep 23, 2019 12:03:05 pm
जिले में बाढ़ से हुई बर्बादी के बाद अब हर विभाग बाढ़ पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास कर रहा है। राज्य सरकार की ओर से अभी तक दो करोड़ रुपए आए हंै,
बाढ़ पीडि़तों के जख्मों पर मरहम का प्रयास
मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में जुटे विभाग
घर-फसल हुए तबाह
राज्य सरकार ने जारी किए दो करोड़ रुपए
धौलपुर. जिले में बाढ़ से हुई बर्बादी के बाद अब हर विभाग बाढ़ पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास कर रहा है। राज्य सरकार की ओर से अभी तक दो करोड़ रुपए आए हंै, वहीं राज्यपाल की ओर से दस लाख रुपए की घोषणा की गई है।
जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सर्वे शुरू कराकर राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक मुआवजा राशि का वितरण भी करवाया जा रहा है। इसके लिए राजस्व सहित अन्य विभागों ने भी तैयारी कर ली है। वहीं बिजली, पानी, सडक़ जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए अधिकारी प्रयास कर रहे हंै। लेकिन लोगों का मानना है कि बाढ़ पीडि़तों को सामान्य जीवन निर्वहन करने में अभी और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सहायता राशि से न तो उनके क्षतिग्रस्त मकान ठीक हो पाएंगे और ना हीं रोजगार के साधन। बाढ़ में कई परिवारों का पूरा सामान ही बह गया है। जिसका आकलन करना ही मुश्किल है। कई परिवार रोड पर आ गए हैं। उनके सामान के साथ जमा पंूजी भी बाढ़ में बह गई।
हालांकि सरकार के इतर सामाजिक संस्थाएं, जनप्रतिनिधि व संगठन भी अपने-अपने स्तर पर बाढ़ पीडि़तों की सहायता में लगे हुए हंै। कोई भोजन की व्यवस्था कर रहा है तो कोई कपड़े, बिस्तरों की व्यवस्था में जुटा है।
कर रहे बिजली बहाल
जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार बिजली बहाल की जा रही है। अधीक्षण अभियंता बीएल वर्मा के अनुसार रविवार को भी धौलपुर क्षेत्र के गमा, शिवरामकापुरा, भवरसिंह का पुरा, राजाखेड़ा क्षेत्र के गांव गढ़ी जाफर, हेतसिंहकापुरा, दगरा, बाड़ी व सरमथुरा क्षेत्र के गांव टुढावली, पाली, खरेरपुरा की विद्युतापूर्ति सुचारू की गई है। वहीं अन्य गांवों में भी विद्युतापूर्ति सुचारू करने का प्रयास किया जा रहा है। इनमें राजाखेड़ा क्षेत्र के गांव चाडियानकापुरा, पक्काकापुरा, करण सिंह पुरा, बीहडक़ापुरा, अंधियारी, खोड गांव शामिल हैं।
24 चिकित्सा दल जुटे
जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से 24 दल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जुटे हैं। इससे बाढ़ के बाद मौसमी बीमारियों को रोका जा सके। इसके लिए लगातार लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनको दवाएं वितरित की जा रही है।