मिलीभगत के थे आरोप लंबे समय से कर्मचारी विजिलेंस के लिए जम्फर्स के फोटो लेकर उनको खुर्द बुर्द करने के आरोप बड़ी संख्या में लगते थे। स्वयं निगम प्रशासन के पास ऐसी शिकायतें बड़ी संख्या में पहुंच रही थी। जिसके बाद मुख्यालय स्तर पर ऑनलाइन विजिलेंस के लिए सिस्टम तैयार किया गया। जिसमें एक टेबलेट में फोटो लिया जाना है और फोटो लेने के बाद इसको डिलीट नहीं किया जा सकेगा। वरण चोरी को प्रमाणित किया जाएगा। ऐसे में मिलीभगत के आरोप भी अब नहीं लगेंगे। वहीं विजिलेंस के केस भी तेजी से बढ़ेंगे, जिससे चोरों में डर पैदा होगा।
नहीं चलेगी सिफारिश
अब तक विजिलेंस होते ही राजनेताओं या प्रभावशाली लोगों की सिफारिशें आने पर अधिकारियों को केस रजिस्टर करने से पीछे हटना पड़ता था, लेकिन अब टेबलेट में फीड सिस्टम में फोटो आने के बाद न तो कोई प्रभाव काम आएगा न ही सिफारिश, न ही मिलीभगत। ऐसे में चोरी रोकने में ये उपकरण मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
पहुंचे 4 टेबलेट, घर-घर होगी जांच
सहायक अभियंता रवि स्वर्णकार ने बताया कि निगम उच्चधिकारियों ने पत्रिका की खबरों पर संज्ञान लेते हुए राजाखेड़ा को 4 टेबलेट प्राथमिकता से उपलब्ध करवा दिए है, जिनसे तेजी से विद्युत चोरों पर कड़ी कार्यवाही संभव हो सकेगी। जल्द चोरी पर अंकुश लग सकेगा। जिससे गुणवत्तापूर्ण विद्युत वास्तविक उपभोक्ताओं को उपलब्ध होग सकेगी।
इनका कहना है निगम विद्युत चोरी पर पारदर्शी तरीके से लगाम लगाने के लिए अब तकनीकी तरीके से कार्य आरंभ कर रहा है। टेबलेट डिवाइस की मदद से अब तेजी से अभियान चलाकर चोरी पर लगाम लगाई जाएगी। इसमें किसी भी प्रकार की शिकायत या विरोधाभास का मौका भी नहीं मिलेगा।
रवि स्वर्णकार, सहायक आभियंता, जयपुर डिस्कॉम, राजाखेड़ा।