scriptगिर रहा चम्बल नदी का स्तर, खतरा बरकरार | Falling level of Chambal river, threat remains | Patrika News

गिर रहा चम्बल नदी का स्तर, खतरा बरकरार

locationधौलपुरPublished: Aug 18, 2019 11:46:27 am

Submitted by:

Mahesh gupta

कोटा बैराज से पानी निकासी के बाद शनिवार शाम को 23 साल बाद 140.50 मीटर पर पहुंची चम्बल नदी का स्तर अब घट रहा है। सुबह 11 बजे तक नदी का गेज 139 मीटर पर पहुंच गया है, लेकिन अभी खतरे के निशान से दस मीटर ऊपर होने के कारण खतरा बरकरार है। प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और गांवों में नजर बनाए हुए हैं।

falling-level-of-chambal-river-threat-remains

गिर रहा चम्बल नदी का स्तर, खतरा बरकरार

पुलिस-प्रशासन ने जारी कर रखा हाई अलर्ट
गांवों में पहुंचा प्रशासन व एसडीआरएफ टीम
पुराने पुल से आवागमन बंद
धौलपुर. कोटा बैराज से पानी निकासी के बाद शनिवार शाम को 23 साल बाद 140.50 मीटर पर पहुंची चम्बल नदी का स्तर अब घट रहा है। सुबह 11 बजे तक नदी का गेज 139 मीटर पर पहुंच गया है, लेकिन अभी खतरे के निशान से दस मीटर ऊपर होने के कारण खतरा बरकरार है। प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और गांवों में नजर बनाए हुए हैं। इससे पूर्व शनिवार को जिले के तीन तरफ से गुजर रही चम्बल नदी के तटवर्ती करीब दो दर्जन गांवों में पानी घुस गया है। सैकड़ों हैक्टेयर बाजरे की फसल डूब गई है। राजाखेड़ा क्षेत्र के चीलपुरा सहित दो-तीन गांवों में खाने के पैकेट पहुंचाए गए हैं। वहीं सरमथुरा क्षेत्र में गांव झिरी, सेवर-पाली में भी पानी आने से लोगों को सतर्क किया गया है। जिला कलक्टर तथा पुलिस अधीक्षक के अलावा सिंचाई विभाग के अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। धौलपुर में समीपवर्ती भमरौली के गांव शानपुरा सहित आधा दर्जन गांवों का जिला मुख्यालय से सम्पर्क कट गया है। वहीं राजाखेड़ा में अंधियारी रपट पर चलने के कारण एक दर्जन गांवों में आवागमन बंद हैं। इसी प्रकार सरमथुरा क्षेत्र की झिरी पंचायत के शंकरपुरा सहित आधा दर्जन गांवों में पानी घुस गया है। इससे जिले के कई गांवों में बाढ़ के हालात बन गए हैं।
इससे निपटने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को तैनात किया गया है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर ही जमे हुए हैं। पुराने पुल से मध्यप्रदेश तथा राजस्थान की तरफ से आवागमन बंद कर दिया गया है।
हालांकि नए पुल से आवागमन बदस्तूर जारी है। जिला कलक्टर नेहागिरी तथा पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने चम्बल नदी पर बने पुराने पुल सहित राजाखेड़ा, सरमथुरा क्षेत्र के गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है।
वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारी गांवों में जाकर पानी की स्थिति का जायजा ले रहे हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सुरेश मीणा ने बताया कि चम्बल नदी खतरे के निशान 129.70 से 11 मीटर ऊपर 140.50 मीटर पर चल रही है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को जैसे ही चम्बल नदी का गेज 133 मीटर पर पहुंचा, वैसे ही पुलिस-प्रशासन सतर्क हो गया और सुरक्षा के इंतजाम किए गए। पुराने पुल के दोनों ओर पुलिस का जाप्ता तैनात किया गया है।
चम्बल नदी में बहाव बढऩे से शुक्रवार रात करीब 11 बजे भमरौली पंचायत के शानपुरा, गमां, तिघरा क्षेत्र में पानी भरने की प्रशासन को सूचना मिली। इस पर तहसीलदार चिंरजीलाल शर्मा मय टीम के रात को मौके पर रवाना हुए। लेकिन भमरौली से शानपुरा गांव के मध्य पानी की अधिकता के कारण
मार्ग ही बंद हो गया। इस पर लोगों को पानी से दूर रहने की हिदायत दी। शर्मा ने बताया कि गांवों में निचले इलाकों में बोईबाजरे की फसल पानी में डूब गई।
चम्बल देखने उमड़ी भीड़
चम्बल नदी के बहाव को देखने के लिए शनिवार को हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। पहले लोग पुराने पुल पर पहुंचे, लेकिन वहां पर पुलिस ने आगे नहीं जाने दिया तो लोग नए पुल पर पहुंच गए। इस दौरान लोगों में चम्बल बहाव के साथ सेल्फी लेने का क्रेज
देखा गया। हालांकि पुल के दोनों ओर ऊंचाई तक जालियां लगी हुई है। इसके बावजूद लोगों का चम्बल नदी का बहाव देखने को लालायित थे। बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने के कारण वाहनों का आवागमन भी धीमी गति से हुआ।
एमपी सीमा से पुल पर आए लोग
बेरिकेडिंग लगाने के बावजूद मध्यप्रदेश सीमा से पुराने पुल पर लोग पहुंच गए। इसे देख पुलिसकर्मियों में हडक़म्प मच गया। इस दौरान युवकों ने जमकर सेल्फी ली। बाद में पुलिसकर्मियों ने उन्हें खदेड़ा और पुल को खाली कराया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो