- आरटीडीसी की ओर से जिला कलक्टर को भेजा गया पत्र धौलपुर. वन विभाग के बाद अब राजस्थान पर्यटन विकास निगम लि. (आरटीडीसी) ने भी धौलपुरवासियों की जेब ढीली करने की तैयारी कर ली है। राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य की ओर से चंबल जाने पर शुल्क लगाया गया। अब आरटीडीसी मचकुंड आने वाले लोगों से शुल्क वसूलने की तैयारी में है। दरअसल, आरटीडीसी ने मचकुंड पर होने वाले लाइट एंड साउंड शो के लिए टिकट दरें तय की हैं। अब आरटीडीसी लोगों से यह टिकट राशि वसूलना चाहता है। इसके लिए आरटीडीसी की ओर से जिला कलक्टर को पत्र लिख कर मचकुंड पर बेरिकेडिंग कराने की बात कही गई है।यह है शुल्कमचकुंड पर लाइट एंड साउंड शो के लिए आरटीडीसी ने टिकट की दरें तय की हैं। इसके लिए भारतीय वयस्क से 50 रुपए तथा विद्यार्थी व बच्चों से 25 रुपए का शुल्क लिया जाएगा। वहीं, विदेशी वयस्क से 100 रुपए तथा विद्यार्थी व बच्चों से 50 रुपए का शुल्क लिया जाएगा। इस शुल्क पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी अलग से लगेगा। इस प्रकार प्रत्येक भारतीय वयस्क को 59 रुपए और बच्चों व विद्यार्थियों को 29.5 रुपए खर्च करने होंगे।सुविधाओं के नाम पर सिफरमचकुंड पर लाइट एंड साउंड शो और रंगीन फव्वारों को भले ही शुरू कर दिया गया हो लेकिन, यहां पर्यटकों के लिए सुविधाओं का नितांत अभाव है। यहां आवारा जानवरों के कारण गंदगी फैली रहती है। बंदरों के कारण भी पर्यटकों को परेशानी होती है। वहीं, यहां पर्यटकों को खाने-पीने के रेस्टोरेंट का भी अभाव है।फंसेगा कई विभागों का पेंचमचकुंड में लाइट एंड साउंड शो पर लगने वाले शुल्क को लेकर कई विभागों में पेंच फंसना तय है। मचकुंड पर देवस्थान विभाग, पुरातत्व विभाग, एएसआई, वन विभाग और पर्यटन विभाग का अधिकार क्षेत्र है। यह शुल्क आरटीडीसी द्वारा लगाया जा रहा है। कई विभागों के बीच वसूली सिर्फ पर्यटन विभाग करेगा। ऐसे में निश्चित ही सभी विभागों में पेंच फंसना तय है।बेरिकेडिंग की मांगआरटीडीसी की एमडी की ओर से जिला कलक्टर को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि आरटीडीसी ने लाइट एंड साउंड शो के लिए टिकट दरें तय की हैं। मचकुंड परिसर चारों ओर से खुला होने के कारण टिकट बेचे जाने में परेशानी आ रही है। पत्र में जिला कलक्टर से मचकुंड के चारों ओर बेरिकेेडिंग कराने की बात कही गई है।बॉक्स...वन विभाग भी नहीं है पीछेधौलपुर में चंबल तक पहुंचने के नाम पर राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य प्रशासन की ओर से भी पर्यटकों से शुल्क वसूला जा रहा है। ऐसे में नगर परिषद की बोटिंग साइट तक बहुत कम पर्यटक पहुंच रहे हैं। यहां वन विभाग की ओर से प्रति व्यक्ति 75 रुपए वसूले जा रहे हैं। फिर बोटिंग का खर्च अलग से देना होता है। ऐसे में धौलपुर में पूरा पर्यटन सीजन पर्यटकों की बाट देखते ही बीत गया। दूसरी ओर, चंबल के दूसरे किनारे पर मध्यप्रदेश में इस तरह का कोई शुल्क नहीं वसूला जा रहा है। ऐसे में वहां बोटिंग साइट पर पर्यटकों की भरमार रहती है।इनका कहना हैमचकुंड पर लाइट एंड साउंड शो की टिकट दरें निर्धारित की गई हैं। टिकट विक्रय नहीं होने से शो के संचालन में परेशानी हो रही है। साथ ही यहां पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है।- डॉ. मनीषा अरोड़ा, प्रबंध निदेशक, आरटीडीसीविभाग की ओर से पत्र मिला है। यहां कुछ व्यावहारिक दिक्कतें हैं, लोगों की भावनाएं भी हैं। ऐसे में सरकार को इन सब बातों से अवगत कराया जाएगा।- राकेश कुमार जायसवाल, जिला कलक्टर, धौलपुर