धौलपुर

कोहरा बना काल, अंतिम साबित हुआ पिता-पुत्र का पेट की आग बुझाने का सफर, देखें वीडियो

– बाड़ी रोड पर रोडवेज बस ने मारी ऑटो को टक्कर, चालक समेत तीन की मौत
– ऑटो चालक था पुत्र, पिता मजदूरी कर करता गुजर-बसर
– पशुओं के लिए कड़बी लेने जा रहा था तीसरा मृतक
– हादसे के बाद बस ले भागा ड्राइवर
– हाइवे पर अवैध कट, धुंधली पट्टियां बन रहीं दुर्घटनाओं का कारण
दुर्घटना

धौलपुरJan 19, 2022 / 08:18 pm

Naresh

कोहरा बना काल, अंतिम साबित हुआ पिता-पुत्र का पेट की आग बुझाने का सफर, देखें वीडियो

कोहरा बना काल, अंतिम साबित हुआ पिता-पुत्र का पेट की आग बुझाने का सफर, देखें वीडियो
– बाड़ी रोड पर रोडवेज बस ने मारी ऑटो को टक्कर, चालक समेत तीन की मौत

– ऑटो चालक था पुत्र, पिता मजदूरी कर करता गुजर-बसर

– पशुओं के लिए कड़बी लेने जा रहा था तीसरा मृतक
– हादसे के बाद बस ले भागा ड्राइवर

– हाइवे पर अवैध कट, धुंधली पट्टियां बन रहीं दुर्घटनाओं का कारण

– एनएचएआई, परिवहन और ट्रेफिक पुलिस की अनदेखी दे रही हादसों को न्योता
धौलपुर. भीषण सर्दी पेट की आग बुझाने निकले पिता-पुत्र को क्या मालूम था कि उनका यह सफर आखिरी साबित होगा। यहां राष्ट्रीय राजमार्ग 11बी धौलपुर-बाड़ी मार्ग पर चांदपुर के पास बुधवार सुबह घने कोहरे में धौलपुर से जयपुर की ओर जा रही रोडवेज बस ने धौलपुर की ओर से आ रहे एक ऑटो को टक्कर मार दी। हादसे में पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को धौलपुर सामान्य चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। सदर थाना प्रभारी दीपक कुमार ने बताया कि हुसैनपुर गांव का रहने वाला राजेंद्र (25) ऑटो चलाता था। वह बुधवार सुबह अपने पिता रतन सिंह (50) को ऑटो से लेकर धौलपुर लेकर आ रहा था। उसका पिता मेहनत मजदूरी कर गुजर-बसर करता था। रास्ते में उसने सवारी बनवारी (27), राजकुमार (22), बंटी (30) और नयापुरा निवासी बालो (35) को भी ऑटो में बिठा लिया। चांदपुर के पास रोडवेज की टक्कर से पिता-पुत्र और बालो की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य 3 सवारी घायल हो गई। हादसे की जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंची। घायलों और शव को अस्पताल पहुंचाया। बताया जा रहा है कि तीसरा मृतक बालो पशुओं के लिए कड़बी लेने निकला था।
संवेदनहीन बस ड्राइवर भागा

दुर्घटना के बाद संवेदनहीन बस ड्राइवर बस लेकर भाग निकला। बाद में सदर थाना पुलिस ने बाड़ी में उसे बाड़ी पुलिस की सहायता से हिरासत में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बस ड्राइवर ने हादसे के बाद मृतकों और घायलों की कोई सुध नहीं ली और बस भगाकर ले गया। अगर बस ड्राइवर बस रोक कर सहायता करता तो हो सकता है किसी मृतक की जान बच जाती।
बॉक्स… टे्रक्टर की टक्कर से युवक की मौत

उधर, बसई डांग थाना क्षेत्र के कुआखेड़ा गांव के पास बुधवार शाम करीब पांच बजे टे्रक्टर की टक्कर से एक युवक की मौत हो गई। परिजन के अनुसार रजई गांव निवासी श्रीभान गुर्जर (25) अपनी ननिहाल कुआखेड़ा गया था। वहां वह सडक़ किनारे खड़ा था। तभी एक ट्रेक्टर ने उसे टक्कर मार दी। ग्रामीण उसे लेकर धौलपुर सामान्य चिकित्सालय पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
लापरवाही बड़ा कारण

जिले में ज्यादातर सडक़ दुर्घटनाओं का कारण वाहन चालकों की लापरवाही के साथ-साथ अवैध कट, सडक़ों की खराब हालत, पार्किंग लाइट, हेड लाइट, बैक लाइट, कलर रिफ्लेक्टर जैसे सुरक्षा मानकों की अनदेखी भी है। जिले में ट्रैफिक सिग्नल, डिवाइडर, सूचना पट्ट, संकेत बोर्ड और सडक़ पर बनी पट्टी तक गायब हैं।
सडक़ों पर रहता है अंधेरा

जिले में ज्यादातर सडक़ों पर दिन ढलते ही अंधेरा छा जाता है। कई स्थानों पर या तो लाइट लगी ही नहीं हैं और जहां पर लाइटें लगीं हैं, रख रखाव के अभाव में वह खराब हो चुकी हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी पट्टियां धुंधली पड़ चुकी हैं। कोहरे के समय में बिना लाइटों की सडक़ों पर दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है।
बेसहारा पशुओं का कब्जा

जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग की बात हो या अन्य सडक़ों की, हर जगह बेसहारा पशु घूमते नजर आ जाएंगे। अचानक पशुओं के सामने आ जाने से भी वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।
ट्रेक्टरों का व्यवसायिक इस्तेमाल
ट्रेक्टर-ट्रालियों की स्थिति तो और भी खराब है। ट्रॉलियों में बैक लाइट ही नहीं होती है। यहां तक कि दो-दो ट्रॉलियों को भी एक साथ जोड़ा हुआ होता है। अवैध खनन के रेता और पत्थरों को ढोने में ट्रेक्टर-ट्रॉलियों का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही ट्रैक्टर ट्रालियों का व्यवसायिक इस्तेमाल भी जमकर होता है। उनमें बड़े-बड़े सरिया, रोड़ी, लोहे के एंगल व अन्य भवन निर्माण सामग्री ढोई जाती है। ऐसे वाहनों के कारण कितने ही लोग हर साल दुर्घटनाओं का शिकार होकर अपनी जान गंवा देते हैं। विडंबना तो इस बात की है कि वाहनों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर पुलिस भी ध्यान नहीं देती है। कभी-कभार चालान करके खानापूर्ति कर दी जाती है।
पेशेवर बनें विभाग, तो बने बात
घने कोहरे के कारण सडक़ दुर्घटनाओं को लेकर नगर परिषद, पीडब्ल्यूडी, और एनएचएआई की जिम्मेदारी है कि सडक़ों को गड्ढ़ा मुक्त करते हुए डिवाइडर की मरम्मत एवं मानक के अनुसार उनका रंग-रोगन कराएं। विभिन्न प्रकार की सडक़ों की सतह का आकलन करने सहित, गतिरोधक, जेब्रा क्रॉसिंग आदि पर पेंटिंग कराई जाए। ब्लैक स्पॉट को सूचीबद्ध करते हुए रक्षात्मक कार्य पूर्ण कराएं। परिवहन विभाग सभी वाहनों में नारंगी रंग के चेतावनी स्टीकर लगवाएं। वहीं, टे्रफिक पुलिस लापरवाह वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करे।
हर साल डेढ़ लाख की मौत
दुनियाभर की सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली मौत की दस फीसदी भारत में होती हैं। यहां हर साल डेढ़ लाख से अधिक लोग सडक़ हादसों में जान गंवा देते हैं। वहीं, करीब साढ़े चार लाख लोग दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के कारण खतरनाक स्थिति बन रही है और भारत सडक़ दुर्घटना के मामले में अमरीका और चीन से आगे पहले स्थान पर है।
कोहरे में यह बरतें सावधानी
– चारपहिया गाडिय़ों में फॉग लाइट्स जरूर लगवाएं।
– लो-बीम पर हेडलाइट रखें।
– हैजर्ड लाइट ऑन कर गाड़ी न चलाएं।
– विंडस्क्रीन को साफ रखें।

– गाड़ी धीमी रफ्तार से चलाएं।
– सडक़ पर गाड़ी न रोकें।

– अपने ट्रैक को फॉलो करें।
– सफेद पट्टी को ध्यान में रख गाड़ी चलाएं।
इनका कहना है

घने कोहरे के कारण हादसा हुआ है। तीन लोगों की मौके पर ही मौत हुई है। तीन घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। रोडवेज बस ड्राइवर को हिरासत में ले लिया गया है।
– दीपक कुमार, थाना प्रभारी, सदर धौलपुर

Home / Dholpur / कोहरा बना काल, अंतिम साबित हुआ पिता-पुत्र का पेट की आग बुझाने का सफर, देखें वीडियो

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.