scriptतीन दिन मगरमच्छ की दहशत के आगोश में रहा गमां गांव | Gaman village was under the threat of crocodile panic for three days | Patrika News

तीन दिन मगरमच्छ की दहशत के आगोश में रहा गमां गांव

locationधौलपुरPublished: Sep 13, 2019 09:25:35 pm

Submitted by:

Mahesh gupta

चम्बल नदी के बहाव के साथ तटवर्ती गांव गमां में तीन-चार दिन पहले घुसे एक मगरमच्छ से पैदा हुई दहशत शुक्रवार दोपहर को उस वक्त खत्म हुई, जब वन विभाग की टीम ने उसे नदी में छोड़ दिया। बहाव के साथ गांव के खेतों की तरफ आया पांच-सात फीट लम्बा मगरमच्छ तीन-चार दिन से एक गड्ढे में पड़ा हुआ था।

तीन दिन मगरमच्छ की दहशत के आगोश में रहा गमां गांव

तीन दिन मगरमच्छ की दहशत के आगोश में रहा गमां गांव

धौलपुर. चम्बल नदी के बहाव के साथ तटवर्ती गांव गमां में तीन-चार दिन पहले घुसे एक मगरमच्छ से पैदा हुई दहशत शुक्रवार दोपहर को उस वक्त खत्म हुई, जब वन विभाग की टीम ने उसे नदी में छोड़ दिया। बहाव के साथ गांव के खेतों की तरफ आया पांच-सात फीट लम्बा मगरमच्छ तीन-चार दिन से एक गड्ढे में पड़ा हुआ था। उसके ऊपर आने के भय के चलते ग्रामीणों ने खेतों में जाना ही छोड़ दिया। वहीं रास्ते में भी सतर्कता बरतते हुए निकल रहे थे। दहशत का आलम भी यह था कि गांव के लोगों ने दिन में ही अपने घरों पर ताले लगा दिए थे। मगरमच्छ को गड्ढे से निकालने के लिए ग्रामीण तीन दिन से वन विभाग की टीम को फोन कर रहे थे। उन्होंने जयपुर तक शिकायत कर दी, लेकिन कोई लाभ नहीं निकला। ग्रामीणों की सूचना पर जब शुक्रवार सुबह मीडियाकर्मी पहुंचे तो ग्रामीणों ने आपबीती सुनाई। इस पर मीडियाकर्मियों ने भी वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद रेंजर हेमराज के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची और मगरमच्छ को कुएं से निकाल चम्बल नदी में छोड़ा।
मरने के कगार पर पहुंच गया था मगरमच्छ
तीन-चार दिन से कुएं में पड़ा मगरमच्छ बिना भोजन-पानी के मरने के कगार पर पहुंच गया। हालांकि जैसे ही उसे लाठी से निकालने का प्रयास करते, वैसे ही वह घुर्राने की आवाज निकालता। इससे ग्रामीणों के प्रयास भी विफल रहे। ग्रामीणों ने बताया कि जिस खेत में मगरमच्छ पड़ा था, उसमें कार्य करने के लिए नहीं जा रहे थे।
इस दौरान ग्रामीण बनवारीलाल, बंटी, अशोक, रमेश, ऊदल, रामस्वरुप, निहालसिंह सहित कई मौजूद थे। इधर वन विभाग की टीम में क्षेत्रीय वन अधिकारी हेमराज के साथ वन रक्षक गोपालसिंह, वनपाल राजेश द्विवेदी, भगवान शुक्ला, हंसराज, बहादुर, मुन्नालाल जाट शामिल थे।
इनका कहना है
सूचना मिलते ही टीम को रवाना कर दिया गया। टीम ने एक घण्टे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकडकऱ चम्बल नदी में छोड़ दिया।
करणसिंह, डीएफओ, धौलपुर।
गांव में मगरमच्छ घुस गया था। इससे रास्ते में आने-जाने में भय लगा हुआ था। खेतों में भी कार्य नहीं हो पा रहा था।
रामदीन, स्थानीय ग्रामीण, गमां
मगरमच्छ से भय का माहौल बना हुआ था। वन विभाग के अधिकारियों को जयपुर तक सूचना दी, लेकिन कोई नहीं आया।
कम्पोटर, स्थानीय ग्रामीण, गमां
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