यदि हम जिले से गुजरने वाले राजमार्ग की ही बात करें और थोड़ी सावधानी और जागरूकता दिखाएं तो बड़े हादसों से बचा जा सकता है।
-हाईवे पर आवारा पशु दुर्घटना का बड़ा कारण हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसी व्यवस्था करें ताकि सड़क पर पशु न आ पाएं, क्योंकि हाईवे पर तेज गति से चलते वाहनों के सामने अचानक पशु आने वाले दुर्घटना का बड़ा कारण बनते हैं। ऐसी स्थिति में वाहन चालक वाहन पर से नियंत्रण खो बैठता है और दुर्घटना हो जाती है।
– हाईवे से लगे गांवों में सड़क सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने होंगे ताकि लोग अचानक मुख्य सड़क पर न आ सकें।
– हाईवे पर रोड डिवाइडर तो होते हैं, लेकिन लोगों को भी अपनी प्रवृत्ति को बदलना होगा, क्योंकि थोड़ी-सी दूरी बचाने के लिए वे हाईवे पर गलत साइड में घुस जाते हैं, जो दुर्घटना का कारण बन जाता है।
-कई वाहन चालक रात के समय वाहनों को बेतरतीब खड़ा कर देते हैं, ऐसे में जिन स्थानों पर रात में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, वहां दुर्घटनाएं हो जाती हैं और लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।
-टोल नाकों पर भी लापरवाही साफ दिखाई देती है। वहां लोगों टोल के नाम पर लोगों से पैसा तो वसूला जाता है, लेकिन सुरक्षा के इंतजामों पर खास ध्यान नहीं दिया जाता। टोल नाकों के आसपास मंडराते हुए पशुओं को आसानी से देखा जा सकता है।
-हाइवे के कट पर संकेतकों का होना बहुत ही जरूरी है। हाइवे के गांवों के रास्ते सीधे हाइवे पर चढ़ते हैं। ऐसे हाइवे के हर गांव के रास्ते पर हाइवे पर चढऩे से पहले स्पीड ब्रेकर होने चाहिए, ताकि रफ्तार से होने वाले हादसे को रोका जा सके।