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धौलपुर में पहली बाद दिखा हुत्काह, रंग-बिरंगे पंख बनाते हैं खास

locationधौलपुरPublished: May 23, 2022 08:14:20 pm

Submitted by:

Naresh

– पाया जाता है मध्य भारत से लेकर दक्षिण भारत के झाड़ीदार या पथरीले इलाकों में
– पक्षी विशेषज्ञ बताते हैं मुर्गी और तीतर के बीच की प्रजातिधौलपुर. मुर्गी और तीतर के बीच का पक्षी हुत्काह (पेंटेड स्परफाउल) जिसका वैज्ञानिक नाम गैलोपर्डिक्स लुनुलाटा है, धौलपुर में पहली बार देखा गया है। तीतर कुल के इस पक्षी की तस्वीरे पक्षी विशेषज्ञ रोबिन खान, डॉ. ओल्गा जोशी, इलयास खान, गोपाल की टीम ने ली हैं। इन्होंने ये खास तस्वीर पत्रिका को मुहैया कराई है।

 Hutqah shown after the first time in Dholpur, colorful feathers make special

धौलपुर में पहली बाद दिखा हुत्काह, रंग-बिरंगे पंख बनाते हैं खास,धौलपुर में पहली बाद दिखा हुत्काह, रंग-बिरंगे पंख बनाते हैं खास

धौलपुर में पहली बाद दिखा हुत्काह, रंग-बिरंगे पंख बनाते हैं खास

– पाया जाता है मध्य भारत से लेकर दक्षिण भारत के झाड़ीदार या पथरीले इलाकों में

– पक्षी विशेषज्ञ बताते हैं मुर्गी और तीतर के बीच की प्रजाति
धौलपुर. मुर्गी और तीतर के बीच का पक्षी हुत्काह (पेंटेड स्परफाउल) जिसका वैज्ञानिक नाम गैलोपर्डिक्स लुनुलाटा है, धौलपुर में पहली बार देखा गया है। तीतर कुल के इस पक्षी की तस्वीरे पक्षी विशेषज्ञ रोबिन खान, डॉ. ओल्गा जोशी, इलयास खान, गोपाल की टीम ने ली हैं। इन्होंने ये खास तस्वीर पत्रिका को मुहैया कराई है। खान ने बताया कि यह पक्षी मध्य भारत से लेकर दक्षिण भारत के झाड़ीदार या पथरीले इलाकों में आवास करता है। इस पक्षी को ओडीशा तथा सिंहभूम में असकोल, गोंड में हुत्काह, तमिल में कल्ल-कोली तथा तेलुगु में जित्ता-कोडी कहा जाता है। हिन्दीभााषी क्षेत्रों में नहीं पाए जाने के कारण इस पक्षी का कोई हिन्दी नाम नहीं है।
मोहती है रंग-बिरंगी बनावट
अपने अंग्रेजी नाम पेंटेड स्परफाउल के अनुसार यह काफी रंग-बिरंगा पक्षी है। पक्षी विशेषज्ञों के मुताबिक यह मुर्गी और तीतर के बीच का पक्षी है। इसकी गर्दन, पीठ और पेट में चमकीले पंख होते हैं। डैने गोल, घुमावदार और छोटे होते हैं। इसकी पूंछ तीतर की तरह ही दिखाई देती है। इसके पंखों का फैलाव 14 से 16 सेमी होता है और वजन लगभग 250 से 300 ग्राम होता है। मादा नर से थोड़ी छोटी होती है। सभी प्रकार के बीज, छोटे कीड़े-मकोड़े आदि इनका भोजन है। इनको महुआ के फूल विशेष रूप से भाते हैं।
धौलपुर में पहली बाद दिखा हुत्काह, रंग-बिरंगे पंख बनाते हैं खास

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