– रोडवेज बस के आगे-आगे दौड़ाते हैं निजी बस – ग्रामीण का परमिट लेकर हाइवे पर बस दौड़ा रहे कई निजी संचालक नितिन भाल धौलपुर. पहले से घाटे में चल रही रोडवेज के सामने अब निजी बस संचालक भी मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। इस संबंध में रोडवेज प्रशासन की ओर से पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने से निजी बस संचालकों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। रोडवेज के अधिकारी भी स्वयं को बेबस महसूस कर रहे हैं। धौलपुर आगार के अधिकारियों की मानें तो कुछ निजी बसों के पास ग्रामीण क्षेत्र का परमिट होने के बावजूद हाइवे पर सरपट तरीके से दौड़ रही है। वहीं, बड़ी संख्या में बिना परमिट भी निजी बसें सडक़ों पर दौड़ रही हैं। ऐसे में रोडवेज को हर माह लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। अधिकारियों की मानें तो इस तरह से संचालन होता रहा तो डीजल का खर्चा नहीं निकलने के कारण बसें बंद करने की नौबत आ सकती है।कुछ निजी बस संचालकों की ओर से ग्रामीण क्षेत्र का परमिट ले रखा है, लेकिन बसें ग्रामीण क्षेत्रों से नहीं गुजरकर हाइवे पर रोडवेज के समय पर चल रही है। अधिकारियों की मानें तो रोडवेज से पहले पहुंचकर निधार्रित बस स्टॉप से सवारियों को कम किराए का झांसा देकर अनाधिकृत तौर पर सफर करवा रहे हैं, जो कि नियमानुसार गलत है। रोडवेज आगार धौलपुर के मुख्य प्रबंधक पुनीत द्विवेदी ने बताया कि इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी को कई बार पत्र लिखकर शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। इसके अलावा जिला प्रशासन सहित मुख्यमंत्री सम्पर्क पोर्टल पर भी मामले को लेकर अवगत कराया जा चुका है। इसको लेकर कर्मचारियों की ओर से धरना-प्रदर्शन भी किए गए हैं। लेकिन अभी तक समस्या से निजात नहीं मिल पाई है।यात्रियों को भ्रमित करने के लिए रंग बदलानिजी बस संचालकों की ओर से यात्रियों को भ्रमित करने के लिए कई प्रकार के जतन किए जा रहे हैं। विभिन्न रूट पर ऐसी कई निजी बसें संचालित है, जिनका रंग बिल्कुल रोडवेज बसों से मिलता जुलता हुआ है। ऐसे में दूर से देखने पर यात्री भी भ्रमित हो जाता है। निजी बस संचालकों की ओर से ग्रामीणों को रोडवेज की बस होने का ही झांसा दिया जाता है। भरतपुर और करौली रूट पर इस प्रकार की निजी बसें अधिक हैं। रोडवेज के दो मिनट आगे चलते हैंनिजी बस संचालक रोडवेज बस के टाइम से सिर्फ दो मिनट आगे-आगे चलते रहते हैं। ऐसे में रोडवेज के इंतजार में खड़ी सवारियां इन निजी बसों में बैठ जाती हैं और रोडवेज को खाली चलना पड़ता है। नेशनल हाइवे 11बी के करौली रूट पर ऐसी निजी बसों की भरमार है जो रोडवेज के आगे-आगे चलती हैं। वहीं, आगरा और दिल्ली रूट पर भी ऐसी निजी बसों की संख्या खूब है।डीजल का खर्चा निकालना हुआ मुश्किलआगार के मुख्य प्रबंधक ने बताया कि रोडवेज का सफर सुरक्षित कहा जाता है। आमजन को सुविधा देने के लिए बसें लगाई गई थी। निजी बसों के अवैध संचालन के चलते कई रूटों की बसों से डीजल का खर्चा भी नहीं निकल पाया। उन्होंने बताया कि अवैध बसों के संचालक के चलते आगार को प्रतिदिन करीब एक से डेढ़ लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं, लोगों को भी असुरक्षित सफर करना पड़ रहा है।एसपी-डीटीओ को बताई परेशानीनिजी बसों से हो रहे रोडवेज को नुकसान और निजी बस संचालकों की दादागीरी के विरोध में कई बार पुलिस और प्रशासन को बताया जा चुका है। अभी कुछ दिन पहले बस स्टैंड पर ही एक निजी बस संचालक ने रोडवेज चालक से मारपीट कर दी थी। इसे लेकर रोडवेजकर्मियों ने पुलिस अधीक्षक और डीटीओ को जानकारी दी थी।इनका कहना हैअवैध निजी बस संचालकों के कारण रोडवेज को रोड एक से डेढ़ लाख रुपए का घाटा हो रहा है। बस स्टैंड के पास ही निजी बस संचालक अपनी बसें खड़ी कर देते हैं। इन सब के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।- पुनीत द्विवेदी, मुख्य प्रबंधक, धौलपुर आगार